VP Election 2025: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) संसदीय बोर्ड की बैठक में महाराष्ट्र के वर्तमान राज्यपाल चन्द्रपुरम पोनुस्वामी राधाकृष्णन (सीपी राधाकृष्णन) को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है। यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि संसदीय बोर्ड ने उपराष्ट्रपति पद के लिए सीपी राधाकृष्णन के नाम पर मुहर लगा दी है।
सीपी राधाकृष्णन की पृष्ठभूमि
सीपी राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तिरुप्पुर, तमिलनाडु में हुआ था। वे तमिलनाडु के कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता के तौर पर उनकी राजनीतिक छवि मजबूत रही है। राज्यपाल के रूप में उन्होंने झारखंड और महाराष्ट्र दोनों राज्यों में अपनी सेवाएं दी हैं।
राज्यपाल पद का अनुभव
राधाकृष्णन ने 18 फरवरी 2023 से 30 जुलाई 2024 तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। इसके बाद 31 जुलाई 2024 से वे महाराष्ट्र के राज्यपाल पद पर आसीन हैं। उनकी गहन प्रशासनिक समझ और अनुभव को देखते हुए उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए का उम्मीदवार बनाया गया है।
बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में हुआ निर्णय
बीजेपी संसदीय बोर्ड ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार तय करने के लिए गहन विचार-विमर्श किया। अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि बोर्ड इस बार उपराष्ट्रपति पद के लिए सर्वसम्मति से उम्मीदवार चुनना चाहता था, ताकि विपक्ष की चुनौती को मजबूती से टका जा सके। इस बैठक में सीपी राधाकृष्णन के नाम पर सहमति बनी और उनका नाम एनडीए का प्रतिनिधित्व करने के लिए आगे बढ़ाया गया।
उपराष्ट्रपति चुनाव का महत्व
उपराष्ट्रपति पद भारतीय राजनैतिक संरचना में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस पद पर चुने गए व्यक्ति का कार्य केवल राष्ट्रपति का उत्तराधिकारी होना ही नहीं, बल्कि राज्य सभा के सभापति के रूप में संसद के संचालन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाना होता है। इस लिहाज से सीपी राधाकृष्णन का प्रशासनिक अनुभव और राजनीतिक सूझबूझ एनडीए के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
सीपी राधाकृष्णन का नाम एनडीए के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर घोषित होना एक रणनीतिक निर्णय माना जा रहा है। उनके राज्यपाल पद पर अनुभव और राजनीतिक पृष्ठभूमि उन्हें इस चुनौती के लिए एक मजबूत उम्मीदवार बनाती है। आने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में उनकी उम्मीदवारी पर पूरी राजनीतिक नजरें टिकी रहेंगी।
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