Ladakh Conflict Update: लद्दाख की वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों को लेकर सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने भारत की आज़ादी और वर्तमान शासन प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि आज भी लद्दाख के 3 लाख लोगों पर अत्याचार हो रहा है। गीतांजलि ने लद्दाख की स्थिति की तुलना ब्रिटिश भारत के समय से की और कहा कि गृह मंत्रालय के आदेशों पर लद्दाख पुलिस का दुरुपयोग किया जा रहा है।
गीतांजलि का केंद्र सरकार पर हमला
गीतांजलि ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “क्या भारत वाकई आजाद है? 1857 में ब्रिटिश महारानी के आदेश पर 24,000 अंग्रेज और 135,000 भारतीय सिपाही मिलकर 300 मिलियन भारतीयों पर अत्याचार करते थे। आज गृह मंत्रालय के आदेश पर 12 प्रशासक 2400 लद्दाखी पुलिस का दुरुपयोग कर 3 लाख लद्दाखियों पर अत्याचार कर रहे हैं।”यह बयान हाल ही में लद्दाख में हुए राजनीतिक संकट और हिंसा के बीच आया है, जहां प्रशासन पर स्थानीय लोगों के अधिकारों का उल्लंघन करने और अत्यधिक पुलिस कार्रवाई का आरोप लगा है।
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी और लद्दाख की हिंसा
सोनम वांगचुक, जो लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे थे, उन्हें 26 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत आरोप लगाए गए और उन्हें जोधपुर केंद्रीय जेल भेज दिया गया। उनकी गिरफ्तारी उस हिंसक प्रदर्शन के बाद हुई, जो 24 सितंबर को लद्दाख के लेह शहर में हुआ था, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी।
लेह में इंटरनेट बंद और मजिस्ट्रेट जांच
लेह में लगातार नौवें दिन भी मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद है, जिससे स्थानीय लोगों का जनजीवन प्रभावित हो रहा है। इस हिंसा के बाद लद्दाख प्रशासन ने एक मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है, जिसमें चार हफ्ते के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।हिंसा के बाद 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से 26 को अंतरिम जमानत मिल चुकी है, लेकिन कई अभी भी जेल में हैं।
विवाद के राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
लद्दाख की जनता और स्थानीय नेताओं की मांग है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए ताकि क्षेत्र की अपनी राजनीतिक और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। वहीं, प्रशासनिक कार्रवाइयों और पुलिस की कड़ी कार्रवाई ने स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ा दिया है।
गीतांजलि अंगमो के बयान ने इस मुद्दे को और अधिक गर्मा दिया है, जिससे केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठने लगे हैं। वहीं, लद्दाख प्रशासन ने मामले को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने और न्यायिक जांच के जरिए सच्चाई सामने लाने का आश्वासन दिया है।लद्दाख में बढ़ती राजनीतिक उथल-पुथल और पुलिस कार्रवाई को लेकर गीतांजलि अंगमो का सवाल “क्या भारत वाकई आजाद है?” देश में स्वतंत्रता और न्याय की भावना पर एक गंभीर बहस छेड़ता है। लेह हिंसा के मामले में मजिस्ट्रेट जांच की प्रक्रिया इस मामले की निष्पक्षता सुनिश्चित करेगी। इस पूरे घटनाक्रम पर पूरे देश की निगाहें बनी हुई हैं।
