Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन बिल 2024 पर चर्चा करते हुए जॉइंट पार्लियामेंट कमेटी (जेपीसी) ने आज बीजेपी और एनडीए के सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही विपक्ष द्वारा पेश किए गए सभी संशोधनों को नकार दिया गया। समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि इन संशोधनों से वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को और अधिक प्रभावी और बेहतर बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि वक्फ बोर्ड के संशोधन बिल में 572 संशोधनों का सुझाव दिया गया था।
Read More: Shark Tank India में Anupam Mittal का तंज, Vijay Nihalchandani के बिजनेस आइडिया पर उड़ा दिया मजाक!
विपक्ष ने जताई आपत्ति

जेपीसी द्वारा किए गए संशोधन के बाद विपक्षी सांसदों ने प्रक्रिया की निंदा करते हुए कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का उल्लंघन है। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने इसे हास्यास्पद करार देते हुए आरोप लगाया कि उनकी बात नहीं सुनी गई। उन्होंने कहा कि जगदंबिका पाल ने तानाशाही तरीके से कार्यवाही को संचालित किया। हालांकि, जगदंबिका पाल ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक थी और यह निर्णय बहुमत के आधार पर लिया गया था।
एनडीए सांसदों को बैठक से पहले एकजुट रहने की सलाह
जेपीसी की बैठक से पहले केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने एनडीए सांसदों के साथ बैठक की थी और उन्हें एकजुट रहने की सलाह दी थी। उनका उद्देश्य यह था कि सभी सदस्य एक साथ मिलकर इस विधेयक पर अपना पक्ष रखें। बैठक के दौरान, एनडीए के संशोधनों को मंजूरी दी गई, जबकि विपक्षी पक्ष द्वारा प्रस्तुत संशोधनों को खारिज कर दिया गया।
विधेयक के हर खंड पर हुआ विस्तृत विचार-विमर्श

जेपीसी की बैठक में वक्फ विधेयक पर एक-एक खंड पर गहन चर्चा की गई। अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बताया कि विधेयक के 14 खंडों में एनडीए के सदस्यों द्वारा किए गए संशोधनों को स्वीकार किया गया और विपक्षी सदस्यों द्वारा किए गए सभी 44 खंडों के संशोधनों को वोटिंग के जरिए खारिज कर दिया गया। इससे पहले बैठक में उन्होंने कहा था कि आज वक्फ बोर्ड की बैठक में सरकार द्वारा किए गए संशोधनों पर चर्चा की जाएगी।
पिछली बैठक में हुआ था हंगामा
जेपीसी की पिछली बैठक में विपक्षी सांसदों द्वारा हंगामा किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप 10 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद, विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर निष्पक्ष चर्चा की मांग की थी। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने इस दौरान कहा था कि यह विधेयक समय के खिलाफ है और वक्फ की संपत्तियों को हड़पने का प्रयास हो सकता है। उनका मानना था कि जल्दबाजी से सभी पक्षों को अपनी बात रखने का पर्याप्त समय नहीं मिलेगा।
विपक्ष ने विधेयक को लेकर उठाए सवाल

विपक्षी सांसदों ने विधेयक की जल्दबाजी पर सवाल उठाए और यह चिंता जाहिर की कि इस पर पर्याप्त चर्चा नहीं हो रही है। उनका आरोप था कि यह विधेयक नफरत फैलाने की योजना का हिस्सा हो सकता है, जिससे वक्फ संपत्तियों पर विवाद खड़ा हो सकता है।

