Waqf Amendment Law:राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई की मांग की है। सिब्बल ने कहा कि इस कानून के प्रभाव को लेकर कई मुस्लिम संगठनों द्वारा विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है और यह मुद्दा सामाजिक और धार्मिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील है, जिसे शीघ्रता से हल किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर CJI का रुख
सिब्बल की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने कहा कि वह जल्द ही इस मामले को देखने के लिए निर्णय लेंगे। CJI ने यह भी आश्वासन दिया कि इस पर विचार करने के बाद आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कई अन्य याचिकाएं पहले से ही दायर की जा चुकी हैं, जिनका पहले निपटारा किया जाएगा।CJI संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कपिल सिब्बल की दलीलों पर गौर किया और कहा कि यदि याचिकाएं तुरंत सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की जाती हैं, तो यह उचित होगा। CJI ने कहा, “मैं दोपहर में इन अनुरोधों को देखूंगा और तब निर्णय लूंगा। हम इसे सूचीबद्ध करेंगे और जल्द सुनवाई पर विचार करेंगे।”
वक्फ कानून के खिलाफ मुस्लिम संगठनों का विरोध
गौरतलब है कि वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ अब तक छह याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। इस कानून को लेकर मुस्लिम संगठनों ने विरोध तेज कर दिया है और 11 अप्रैल से पूरे देशभर में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू करने की घोषणा की है। इन संगठनों का कहना है कि वक्फ संपत्तियों के मामलों में इस नए संशोधन से उनकी धार्मिक स्वतंत्रता और संपत्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।कपिल सिब्बल ने कहा कि यह कानून न केवल मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों को प्रभावित करेगा, बल्कि इससे वक्फ संपत्तियों का नियंत्रण भी सरकार के हाथों में आ जाएगा, जो कि संविधान और धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है।
वक्फ कानून में संशोधन की मुख्य बातें
वक्फ संशोधन कानून के तहत वक्फ संपत्तियों की संपत्ति से संबंधित विवादों का समाधान अब सरकारी तंत्र द्वारा किया जाएगा। इस कानून के मुताबिक, वक्फ संपत्तियों की देखरेख के लिए वक्फ बोर्ड को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं। इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का अधिकतम उपयोग करना है, लेकिन मुस्लिम संगठनों का आरोप है कि इससे उनकी धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
न्यायिक दृष्टिकोण और अगला कदम
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को प्राथमिकता देते हुए कपिल सिब्बल की याचिका पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोर्ट इस मामले में जल्द सुनवाई करेगा, ताकि इस विवाद का जल्द समाधान हो सके और संबंधित पक्षों के अधिकारों की रक्षा की जा सके।सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस पर सुनवाई का निर्णय मुस्लिम संगठनों और वक्फ कानून से प्रभावित समुदायों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। अब देखना यह होगा कि कोर्ट इस संवेदनशील मुद्दे पर क्या आदेश जारी करता है और देशभर में इसके प्रभाव क्या होंगे।