US Sanctions India: अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने भारत को चेतावनी दी है कि रूस से सस्ते तेल की खरीद को लेकर लागू सेकेंडरी टैरिफ को बढ़ाया जा सकता है। यह निर्णय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच 16 अगस्त को अलास्का में होने वाली बैठक के नतीजों पर निर्भर करेगा।
रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिकी प्रतिबंध
अगर हालात में सुधार नहीं हुआ, तो ये प्रतिबंध या टैरिफ बढ़ाए जा सकते हैं।” अमेरिका ने अगस्त की शुरुआत में भारत पर रूस से तेल और हथियार खरीदने पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया था। ट्रेजरी सचिव ने यह भी बताया कि अमेरिका रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने के लिए मध्यस्थता की कोशिश कर रहा है और ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर मॉस्को शांति समझौते को स्वीकार नहीं करता तो “गंभीर परिणाम” भुगतने होंगे। स्कॉट बेसेंट ने कहा कि ट्रंप और पुतिन की बैठक यूरोपीय दबाव में हो रही है, जिसमें यूरोप भी इस प्रतिबंध में शामिल होने के लिए तैयार है। ये प्रतिबंध रूस पर कड़े आर्थिक दबाव बनाने का प्रयास है ताकि युद्ध को समाप्त किया जा सके।
भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर प्रभाव
यूक्रेन युद्ध के बाद भारत ने रूस से सस्ते क्रूड तेल का आयात बढ़ा दिया है। 2024 में भारत के कुल तेल आयात में रूस का हिस्सा 35-40% तक पहुंच गया है, जबकि 2021 में यह केवल 3% था। इस बढ़ोतरी से भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में तनाव पैदा हुआ है और दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता भी प्रभावित हुई है। भारत का कहना है कि एक बड़े ऊर्जा आयातक के तौर पर उसे सबसे सस्ता क्रूड खरीदना जरूरी है ताकि देश में बढ़ती ऊर्जा कीमतों का असर आम जनता पर न पड़े।
व्यापार वार्ता में ठहराव और टैरिफ का असर
ट्रेजरी सचिव ने कहा कि भारत व्यापार वार्ता में “थोड़ा जिद्दी” दिखा है। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि टैरिफ अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और वैश्विक व्यापार को अधिक निष्पक्ष बनाने का हिस्सा हैं। ट्रंप ने भारत को बार-बार टैरिफ दुरुपयोग करने वाला बताया है और 45 अरब डॉलर के व्यापार घाटे को कम करना चाहते हैं। अमेरिकी वार्ता दल 25 अगस्त को भारत आएगा, लेकिन कृषि और डेयरी उत्पादों पर भारत की उच्च दरें वार्ता में सबसे बड़ी बाधा बनी हुई हैं।
50% नई टैरिफ दर जल्द लागू
27 अगस्त से भारत पर नई 50% टैरिफ दर लागू होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारत एशिया में सबसे ज्यादा टैक्स वाला अमेरिकी व्यापारिक साझेदार बन जाएगा। इसके परिणामस्वरूप कपड़ा, आभूषण और अन्य निर्यात-उन्मुख उद्योग प्रभावित हो सकते हैं, जिससे भारत की विकास दर में आधा प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है। भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध इस समय चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। रूस से तेल आयात पर अमेरिकी प्रतिबंधों ने दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और आर्थिक तनाव बढ़ा दिया है। 27 अगस्त से लागू होने वाले नए टैरिफ और आगामी ट्रंप-पुतिन बैठक के नतीजे आने वाले समय में इस विवाद की दिशा तय करेंगे।

