Weather Today: दिल्ली में सर्दी की शुरुआत के साथ ही प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि बाहर निकलना भी सेहत के लिए खतरा बन गया है। फैक्टरियों से उठता धुआं, भारी ट्रैफिक, निर्माण कार्यों की धूल और पड़ोसी राज्यों में जल रही पराली मिलकर दिल्ली की हवा को जहरीला बना रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रदूषण सीधे-सीधे फेफड़ों पर हमला कर रहा है और लंबे समय तक इसका असर बेहद घातक हो सकता है।
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AQI खतरनाक स्तर पर

नई दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 486 दर्ज किया गया है, जो ‘Severe’ श्रेणी में आता है। राजधानी के कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो चुकी है। सात प्रमुख स्थानों पर AQI खतरनाक स्तर पर दर्ज किया गया है।
बवाना: 420 AQI
वज़ीरपुर: 385 AQI
अलीपुर: 372 AQI
आरके पुरम: 334 AQI
पटपरगंज: 355 AQI
बुराड़ी: 348 AQI
इन आंकड़ों से साफ है कि दिल्ली की हवा फिलहाल सांस लेने योग्य नहीं रह गई है।
स्वास्थ्य पर असर
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की हवा लगातार सांस लेने वालों की फेफड़ों की क्षमता को कमजोर कर देती है। बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और दमा के मरीजों को खास सावधानी बरतने की जरूरत है। प्रदूषण के कारण आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं।
राहत कब मिलेगी?
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, फिलहाल कुछ दिनों तक हालात में ज्यादा बदलाव की संभावना नहीं है। राहत तभी मिलेगी जब तापमान थोड़ा बढ़ेगा और हवा की रफ्तार तेज होगी। हवा चलने से प्रदूषण के कण ऊपर उठते हैं और जमीन के पास जमा जहरीले तत्व फैल जाते हैं, जिससे AQI में सुधार आता है। लेकिन वर्तमान स्थिति में हवा की गति बहुत कम है, जिसके कारण प्रदूषण का असर लगातार बना हुआ है।
दिल्ली का तापमान और हवा की स्थिति
शनिवार, 15 नवंबर को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 12°C और अधिकतम तापमान 27.5°C रहने की संभावना है। दिन में हल्की गर्माहट और रात में ठंडक महसूस होगी। हवा की गति 6.1 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई है, जो प्रदूषण कम करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
सतर्कता ही उपाय

फिलहाल दिल्लीवासियों के लिए सबसे बड़ा उपाय सतर्क रहना है। प्रदूषण से बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल करना, घर से बाहर कम निकलना और बच्चों व बुजुर्गों को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है। हवा साफ होने में अभी समय लग सकता है, इसलिए सावधानी बरतना ही स्वास्थ्य की रक्षा का सबसे अच्छा तरीका है।
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