Weather Update: उत्तर प्रदेश में सर्दी का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। शीत लहर और ठंडी हवाओं के बीच अब लोगों को स्वच्छ हवा में सांस लेना भी कठिन हो गया है। प्रदेश के प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। गाजियाबाद, नोएडा और लखनऊ जैसे बड़े शहरों की हवा जहरीली हो चुकी है, जिससे आमजन को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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गाजियाबाद और नोएडा में प्रदूषण का गंभीर स्तर

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद और नोएडा जिले वायु प्रदूषण की चपेट में हैं। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, गाजियाबाद का लोनी क्षेत्र सबसे अधिक प्रदूषित रहा। वहीं नोएडा के कई इलाकों में भी हवा बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई।
गाजियाबाद के लोनी में दमघोंटू हवा
10 दिसंबर 2025, सोमवार की सुबह गाजियाबाद के लोनी इलाके में AQI 320 दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है। इसके अलावा संजय नगर में 236 और इंदिरापुरम में 257 AQI दर्ज किया गया। यह स्तर स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक माना जाता है। लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण यहां के निवासियों को सांस लेने में कठिनाई और आंखों में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा की स्थिति
नोएडा और ग्रेटर नोएडा की हवा भी दमघोंटू बनी हुई है। नोएडा सेक्टर-125 में AQI 298, सेक्टर-116 में 295 और सेक्टर-62 में 238 दर्ज किया गया। हालांकि, ग्रेटर नोएडा में कुछ राहत देखने को मिली है। नॉलेज पार्क-3 में AQI 193 रहा, जो अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति दर्शाता है। वहीं नॉलेज पार्क-5 में AQI 285 दर्ज किया गया, जो अभी भी खराब श्रेणी में आता है।
लखनऊ में भी बिगड़ी हवा

राजधानी लखनऊ भी ठंड और स्थिर हवाओं की वजह से प्रदूषण की मार झेल रहा है। लालबाग इलाके में AQI 268 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में आता है। हालांकि, शहर के अन्य इलाकों में औसत AQI 150-160 के बीच रहा। यह स्तर भी स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता। प्रदूषण और ठंड के संयुक्त प्रभाव से लोगों को श्वसन संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
