लखनऊ संवाददाता- मोहम्मद कलीम
Lucknow weather: लखनऊ यूनिवर्सिटी व हनुमान सेतु के सामने सड़कें जलमग्न दिखीं। यूनिवर्सिटी परिसर में भी जलभराव होने से तालाब सा दिख रहा था। आईटी स्थित रिजर्व पुलिस लाईन कैम्पस में भी पानी भरा रहा। सड़कें ही नहीं दिखाई दे रही थी। दोपहर बाद पानी कम हुआ तो लोगों को राहत मिलीं। कपूरथला, कुसी रोड,अलीगंज में भी कुछ ऐसी ही स्थिति देखने को मिली।
शहर के कई मोहल्लों में भारी जलभराव
वहीं गोमती नगर के विनयखंड, विभूतिखंड, विप्लवखंड आदि इलाकों में सड़कें पानी से भरी रहीं। नाले तक पानी में डूबे रहे। लोगों में नगर निगम प्रशासन पर गुस्सा दिखाई दे रहा था। पॉलिटेक्रीक चौराहा के पास भी जलजमाव रहा। यहां इंदिरा नगर, पटेल नगर व मुलायम नगर आदि के मोहल्लों में सड़कों पर पानी भरा रहा। नालों का पानी घरों में घुसने से लोग परेशान रहें। चिनहट में भी यही हाल रहा।

बारिश से शहर के कई इलाकों में सड़कें धंस गईं। कई जगह लोग बाल-बाल बच गए। जानकारी के बाद अधिकारियों ने आनन-फानन सड़कों के आस पास बैरीकेडिंग कराई, ताकि कोई हादसा न हो। नगर निगम व प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और मरम्मत शुरू कराई।
1090 पर धंसी सड़क
1090 चौराहे से बालू अड्डे की तरफ जाने वाली सड़क पर 50 मीटर से ज्यादा बड़ा गड्ढा हो गया। इसकी जानकारी पर पुलिस ने दोनों तरफ बैरीकेडिंग लगवा दी। जानकारी पर नगर निगम के अधिकारियों के अलावा कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब भी आ गई। लोक निर्माण विभाग के अधिकारी बुलाए गए। गड्डा भरा गया पर देर शाम तक यहां सड़क की मरम्मत नहीं हो पाई थी। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अम्बेडकर गोमती पार्क का पानी सड़क से जा रहा था, जिससे 1090 के पास यह धंस गई।

इसी तरह क्लार्क अवध होटल परिवर्तन चौक के पास सड़क धंसी। यहां भी आनन-फानन में चारों तरफ ग्रीन जाली लगा बैरीकेडिंग की गई। यहां देर शाम तक सड़क की मरम्मत शुरू नहीं हो पाई थी। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियन्ता ने बताया क्लार्क अवध होटल के पास सीवर के चैम्बर की वजह से सड़क धंसी है। दोनों जगहों पर मरम्मत कराई जा रही है।
भारी बारिश से 1090 चौराहे से डालीबाग की ओर जाने वाली सड़क धंस गई। किसी बड़े हादसे की आशंका में एहतियात के तौर पर बेरीकेडिंग लगाकर रास्ता बंद कर दिया गया। इससे यहां से गुजरने वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं सोमवार दोपहर बाद बारिश के दौरान कई इलाकों में जाम की स्थिति बन गई। चौराहे के ट्रैफिक सिग्नल लाइट को वाहन सवार नजरअंदाज करते रहे। इससे कई बार वाहन आपस में टकराने से बचे।
भारी बारिश के चलते 1090 चौराहे से डालीबाग की ओर जाने वाली सड़क क्षतिग्रस्त हो गई। सड़क के बीच में बड़ा गड्ढा हो गया। सड़क बंद होने से लोग अपने वाहन दोनों ओर से गोमती बैराज से निकालने लगे। इसके चलते वहां भी जाम की स्थिति बन गई।
भारी जलभराव से सड़को पर लगा भीषण जाम
बारिश के थमते ही शहर के कई मार्गों पर अचानक ट्रैफिक लोड बढ़ गया। हजरतगंज, पॉलीटेक्निक, खुर्रमनगर चौराहे से मिलने वाले मार्गों पर जाम की स्थिति बन गई। चौराहों के चारों ओर आ रहे वाहन चालक ट्रैफिक सिग्नल को नजरंदाज कर रहे थे। लोगों के लिए चौराहा पार करना मुश्किल हो गया। आनन-फानन में चौराहों पर ट्रैफिक और पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। सख्ती के बाद जाम से निजात पाई गई।

बारिश में कई इलाकों की बिजली काट दी गई, जिसके चलते कई प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल बंद हो गए। लोहिया चौराहा पर सुबह से ही यलो सिग्नल रहा। दोपहर बाद करीब 12 बजे बिजली सप्लाई शुरू होने पर ट्रैफिक सिग्नल चालू हो सके।
एलडीए के कई अपार्टमेंट के बेसमेंट में भारी जलभराव से लोगों की गाडिय़ों में पानी भर गया। कई जगह लोगों ने पम्प लगाकर खुद पानी निकालना शुरू किया, ताकि गाडिय़ां खराब होने से बच सकें। लिफ्ट तक पानी पहुंचने से बंद हो गई।
एलडीए की प्रियदर्शिनी कॉलोनी के सोपान एन्क्लेव की बेसमेंट पार्किंग की छत बारिश में टपकने लगी। इससे कुछ ही देर में यहां काफी जलभराव हो गया। इस अपाटमेंट की सभी लिफ्टों में पानी भर गया। सोपान एन्क्लेव के आरडब्ल्यूए के सचिव पवन सिंह ने बताया कि बेसमेंट पार्किंग झरना बन गई थी। उन्होंने बताया कि एलडीए के इंजीनियरों व ठेकेदारों ने पानी निकालने का कोई प्रयास नहीं किया। लिफ्ट बंद होने से लोगों को आने जाने में काफी दिक्कतें हुई।
इसी तरह आयोध्या रोड स्थित पारिजात अपार्टमेंट में भी काफी पानी भर गया। यहां भी लिफ्टों में पानी जा रहा था। ट्रांसपोर्टनगर के सुलभ आवास योजना परिसर और गोमतीनगर विस्तार के रिवर व्यू अपार्टमेंट की बेसमेंट पार्किंग में भी पानी भरा। लोग काफी परेशान रहे। जानकीपुरम विस्तार के सृष्टि स्मृति अपार्टमेंट के बेसमेंट में भी पानी भरा।
बारिश के चलते सोमवार को फिर नगर निगम जोन तीन कार्यालय की छत का प्लास्टर गिर गया। छत गिरने से से कर्मचारी फिर दहशत में आ गये। कर्मचारी बारिश के चलते कार्यालय में बैठने को तैयार नहीं है। इस बार काफी बड़ा हिस्सा गिरा। नगर निगम का जोन तीन कार्यालय जर्जर हो गया है। पिछले माह भी यहां छत का प्लास्टर गिरा था। कर्मचारी अपनी सुरक्षा को लेकर हेलमेट लगाकर कार्यालय में काम कर रहे थे। सोमवर को बारिश के बाद यहां फिर छत काफी हिस्सा भरभराकर गिर गया। इसके गिरते ही हड़कम्प मच गया। कुछ हिस्सा बारिश में रात में ही गिरा था। कार्यालय खुलने के बाद भी कुछ हिस्सा गिर गया। इसके गिरते ही दफ्तर में लोग दहशत में आ गये। कर्मचारी में बैठकर काम को तैयार नहीं थे।
रात से शुरू हुई बारिश से अधिकांश शहरी इलाके जलमग्न हो गए। लोगों का गुस्सा छलक गया। लोगों ने अव्यवस्था पर खूब खरी खोटी सुनाई। एक्स (ट्विटर) पर जैसे ही मंडलायुक्त, डीएम और नेताओं की स्थिति का जायजा लेने की फोटो साझा हुई, लोगों के गुस्से से भरे कमेंट आना शुरू हो गए।
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जलभराव ने नगर निगम की खोली पोल
जल भराव से निपटने के लिए नगर निगम का नाला सफाई का दावा पूरी तरह से खोखला निकला। बारिश से शहर में जिस तरह जल भराव हुआ उससे लोग सहम गए। खुद पार्षद नालों की सफाई न होने की बात कहते दिखे। कई जगह तो जल निकासी के लिए लगाए गए पंपों में डीजल ही नहीं था।

नगर निगम ने नालों की सफाई के नाम पर केवल बजट साफ किया। सोमवार को हुई बारिश ने इसकी पुष्टि कर दी। कांग्रेस पार्षद मुकेश सिंह चौहान ने कहा कि नालों की बिल्कुल सफाई नहीं हुई। पूर्व पार्षद रुद्र प्रताप सिंह के इलाके में भी भीषण जल भराव हुआ। वह लगातार नालों की सफाई न होने का मुद्दा उठाते रहे। पुराने लखनऊ के भाजपा पार्षद अनुराग मिश्रा अन्नू भी लगातार नालों की सफाई न होने की बात कहते रहे। सरोजनी नगर द्वितीय वार्ड के भाजपा पार्षद रामनरेश रावत ने बताया कि उन्होंने नगर आयुक्त को खुद यहां की स्थिति दिखाई थी। इसके बावजूद कोई काम नहीं हुआ। पार्षदों ने बताया कि अगर नाले साफ किए गए होते तो शहर में इतना जल भराव न होता। पानी घंटे दो घंटे में निकल जाता, लेकिन स्थिति यह है की सात घंटे बाद भी पानी नहीं निकल पाया।
जल निकासी के लिए नगर निगम ने लगाए पंप
नगर निगम ने तीन दर्जन से अधिक स्थानों पर जल निकासी के लिए पंप लगा रखा था, लेकिन यहां डीजल ही नहीं था। खुद कई पार्षदों ने इसकी जानकारी दी। बताया कि डीजल न होने से पंप नहीं चल पाए। सरोजनी नगर द्वितीय वार्ड के पार्षद रामनरेश रावत ने बताया कि उनके इलाके में लगे पंप में भी डीजल नहीं था। उन्होंने एक दिन पहले भी नगर निगम के अधिकारियों को डीजल न होने की जानकारी दी थी। जल भराव हुआ तब अधिकारियों को डीजल पंप चलाने की याद आई। यही हाल तेलीबाग का भी रहा। जानकीपुरम में भी डीजल की कमी का असर दिखाई पड़ा। अधिकारियों के दौड़ भाग शुरू करने के बाद डीजल पहुंचा।

तेज बारिश से शहरी और ग्रामीण इलाकों में बिजली व्यवस्था ठप हो गई। शहर के हजरतगंज, लालबाग, हुसैनगंज, हसनगंज, बाजारखाला, कैसरबाग आदि इलाकों में बिजली चार से छह घंटे बाद आई। कई जगहों पर पेड़ आदि गिरने से बिजली व्यवस्था बाधित रही। ग्रामीण इलाकों में भी बिजली व्यवस्था ठप रही। इंटौजा, मोहनलालगंज, बीकेटी आदि इलाकों में पेड़ गिरने से बिजली ठप रही। दोपहर बाद करीब 12 बजे बिजली सप्लाई शुरू होने से लोगों को राहत मिली।