West Bengal: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने रविवार को टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया। कल्याण बनर्जी ने आरोप लगाया था कि राजभवन में भाजपा के अपराधियों को बुलाकर उन्हें हथियार उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि वे तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमला कर सकें। राज्यपाल ने इसे आधारहीन और असत्य बताया और कहा कि अगर सांसद माफी नहीं मांगते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
West Bengal: राज्यपाल का बयान: आरोप गंभीर और खतरनाक
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि “जो आरोप लगाए गए हैं, उनके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। जब सत्ताधारी पार्टी के सांसद कहते हैं कि राजभवन में हथियार उपलब्ध हैं, तो क्या इसका मतलब है कि उनका अपने ही राज्य की पुलिस पर भरोसा नहीं है? क्या इसके पीछे कोई अंदरूनी राजनीति है?” उन्होंने आगे कहा कि राजभवन में हथियारों की बात वैसी ही है जैसे “कोई अंधेरे कमरे में काली बिल्ली को ढूंढ रहा हो, जो वहां है ही नहीं।”राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि राजभवन सुबह 5 बजे से आम जनता, नागरिक समाज और मीडियाकर्मियों के लिए खुला है। उन्होंने कहा कि लोग खुद जाकर देख सकते हैं कि राजभवन में कोई हथियार मौजूद हैं या नहीं। यह बयान राज्यपाल ने आरोपों की वास्तविकता स्पष्ट करने के उद्देश्य से दिया।
West Bengal: टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी के आरोप
सीवी आनंद बोस ने बताया कि उन्होंने इस मामले में कानूनी राय भी ली है। उन्होंने कहा कि अगर टीएमसी सांसद अपनी कही बात साबित नहीं कर पाते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही राज्यपाल ने यह भी कहा कि वह लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखेंगे, क्योंकि सांसद ने गंभीर आरोप लगाए हैं, जो केवल राजनीतिक बयानबाजी नहीं बल्कि संवैधानिक रूप से गंभीर हैं।कल्याण बनर्जी ने शनिवार को आरोप लगाया था कि राज्यपाल भाजपा के अपराधियों को राजभवन में बुलाकर हथियार दे रहे हैं, ताकि वे टीएमसी कार्यकर्ताओं पर हमला कर सकें। उन्होंने कहा, “जब तक यह स्थिति है, बंगाल के साथ कुछ अच्छा नहीं हो सकता।” सांसद ने राज्यपाल से अपील की थी कि वह ऐसा करना बंद करें।
राज्यपाल ने उद्धृत किया शेक्सपियर का उद्धरण
राज्यपाल ने कल्याण बनर्जी के बयान की निंदा करते हुए शेक्सपियर का उद्धरण भी पढ़ा: “यह एक मूर्ख द्वारा सुनाई गई कहानी है, जो शोर और रोष से भरी है, जिसका कोई मतलब नहीं है।” उन्होंने यह स्पष्ट किया कि आरोप पूरी तरह असत्य और बिना प्रमाण के हैं।पश्चिम बंगाल में राजभवन और टीएमसी सांसदों के बीच यह विवाद राजनीतिक और संवैधानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। राज्यपाल ने न केवल आरोपों को खारिज किया, बल्कि साक्ष्य और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी। यह घटना बंगाल की राजनीति में विवादास्पद मोड़ साबित हो सकती है और आगामी समय में इसके राजनीतिक परिणाम सामने आने की संभावना है।
Read More:West Bengal Politics: Bihar की जीत पर बंगाल BJP अध्यक्ष का बयान-“2026 चुनाव में होगा TMC का विसर्जन”
