Dry Eyes: आंखों में क्यों होती है ड्राइनेस? एक क्लिक में जानें लक्षण और बचाव के तरीके

आंखों में ड्राइनेस एक आम समस्या है, जिसमें आंखों में जलन, खुजली और असहजता महसूस होती है। डॉ. ए.के. ग्रोवर के अनुसार, यह समस्या स्क्रीन टाइम, प्रदूषण, उम्र और कुछ दवाओं के कारण हो सकती है। इसके लक्षणों में आंखों में चुभन, लालपन और धुंधलापन शामिल हैं। बचाव के लिए नियमित रूप से पलकें झपकाना, पर्याप्त पानी पीना, ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल और डॉक्टर की सलाह से आई ड्रॉप्स लेना फायदेमंद होता है।

Nivedita Kasaudhan
Dry Eyes
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Dry Eyes: आंखों में ड्राइनेस यानी सूखापन एक आम समस्या बनती जा रही है, खासकर उन लोगों में जो दिनभर स्क्रीन पर काम करते हैं। जब आंखों की आंसू ग्रंथियां पर्याप्त मात्रा में आंसू नहीं बनातीं या आंसू जल्दी सूख जाते हैं, तो आंखों में जलन, चुभन और असहजता महसूस होती है। यह स्थिति आंखों की नमी में कमी के कारण होती है, जिससे आंखें थकी-थकी और सूखी लगती हैं।

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जानें क्यों होता है ड्राइनेस

Dry Eyes
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स्क्रीन टाइम का बढ़ना

मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करने से पलकें कम झपकती हैं, जिससे आंखें सूखने लगती हैं।

एयर-कंडीशंड माहौल

लगातार एसी में रहने से वातावरण में नमी कम हो जाती है, जिससे आंखों में सूखापन बढ़ता है।

धूल, धूप और प्रदूषण

बाहरी वातावरण में मौजूद धूल और प्रदूषण आंखों को नुकसान पहुंचाते हैं।

शारीरिक कारण

शरीर में पानी की कमी, नींद की कमी, विटामिन ए की कमी, धूम्रपान और हार्मोनल बदलाव भी ड्राइनेस के कारण हो सकते हैं।

दवाओं का असर

एंटीहिस्टामिन, ब्लड प्रेशर और डिप्रेशन की दवाएं आंसू बनने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं।

उम्र का प्रभाव

उम्र बढ़ने पर आंसू ग्रंथियां कम सक्रिय हो जाती हैं, जिससे आंखों में नमी की कमी हो जाती है।

ड्राइनेस के लक्षण

आंखों में जलन, खुजली या चुभन

आंखों में कुछ फंसा होने जैसा अहसास

लालपन और रोशनी के प्रति संवेदनशीलता

लंबे समय तक पढ़ने या स्क्रीन देखने के बाद धुंधलापन

आंखों में भारीपन या हल्का दर्द

रात में ड्राइविंग में परेशानी

बार-बार आंखों में पानी आना (ड्राइनेस की प्रतिक्रिया)

आंखों में चिपचिपाहट

अगर ये लक्षण लगातार बने रहें, तो आंखों के डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है, क्योंकि लंबे समय तक ड्राइनेस रहने पर कॉर्निया को नुकसान पहुंच सकता है और नजर भी प्रभावित हो सकती है।

बचाव के आसान उपाय

20-20 नियम अपनाएं: हर 20 मिनट बाद स्क्रीन से नजरें हटाकर 20 सेकंड तक आराम दें।

पलकें बार-बार झपकाएं: इससे आंखों में नमी बनी रहती है।

ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें: कमरे में नमी बनाए रखने के लिए यह उपयोगी है।

पर्याप्त पानी पिएं: शरीर में हाइड्रेशन बनाए रखना जरूरी है।

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सनग्लास पहनें: धूल और धूप से बचाव के लिए।

धूम्रपान और कैफीन से परहेज करें: ये आंखों की नमी को प्रभावित करते हैं।

आई ड्रॉप्स का प्रयोग करें: डॉक्टर की सलाह से कृत्रिम आंसू वाली ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें।

नियमित देखभाल और सही आदतों से आंखों की ड्राइनेस को रोका जा सकता है और आंखों की सेहत को लंबे समय तक बनाए रखा जा सकता है।

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