मणिपुर की घटना का क्या है सच? जानिए पूरी कहानी…

Shankhdhar Shivi

Input: Shahbaz…

मणिपुर से वायरल हुए वीडियो ने देश के सभी लोगों को झकझोंर कर रख दिया है घटना को लेकर सभी में आक्रोश है। हर कोई बस यही सवाल कर रहा है, कि आखिर भारत देश की ये कैसी तस्वीर?

इन तमाम सवालों के बीच पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं गुस्साई भीड़ ने मुख्य आरोपी के घर को आग के हवाले कर दिया है। इस पूरी घटना में सबसे हैरानी की बात ये रही कि दो महीने बीत जाने के बाद भी सिस्टम ने अपनी आंखे मूंद रखी थी।

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गिरफ्तारी में देरी पर पुलिस की सफाई…

इस घटना का वीडियो जब सामने आया तो लोगों के मन में बस एक ही सवाल कौंध रहा था कि आखिर गिरफ्तारी में देरी क्यों? आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी पर थोबल जिले के एसपी सच्चिदानंद का बयान अब सामने आया है। जिसमें वो कहते सुनाई दे रहे हैं कि पुलिस के पास सबूतों का अभाव था, जिसके कारण पुलिस गिरफ्तारी करने में सक्षम नहीं थी। उन्होंने उन दावों को गलत बताया, जिसमें कहा गया था कि पुलिस घटनास्थल पर मौजूद थी।

जान बचाने के लिए जंगल में भागी थीं महिलाएं…

घटना को लेकर एक बात और सामने आ रही है, कि जिस दिन ये घटना हुई थी उस दिन हमले के दौरान दो आदमी और तीन औरतें जान बचाने के लिए जंगल की तरफ भागी थी, जहां उन्हें नोंगपोक सेकमाई पुलिस टीम ने बचाया। जब उन्हें नोंगपोक सेकमाई पीएस ले जाया जा रहा था, जब भीड़ ने उन्हें पुलिस स्टेशन से लगभग 2 किमी दूर तौबुल (सेकमई खुनौ) के पास पुलिस टीम से उग्र भीड़ ने छुड़ा लिया।

आरोप है कि मैतई समर्थित भीड़ ने एक आदमी की जान ले ली और तीन महिलाओं को अपने कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया। फिर 21 वर्षीय महिला का गैंगरेप किया गया। इस दौरान जब युवती के छोटे भाई ने उसे बचाने की कोशिश की तो भीड़ ने उसकी भी हत्या कर दी गई।

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