Whatsapp Banned: व्हाट्सएप को लेकर मचा बवाल! जानें किन-किन देशों ने बैन करने का दिया निर्देश?

Neha Mishra
Whatsapp Banned
Whatsapp Banned

Whatsapp Banned: अमेरिका में अब व्हाट्सएप को लेकर बहुत सी चिंता सामने आई है. बता दें कि अमेरिकी संसद ‘हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स’ ने सुरक्षा कारणों से सभी सरकारी डिवाइसेज़ से व्हाट्सएप को हटा देने का आदेश दिया है। बताते चलें कि, ये फैसला डेटा प्राइवेसी और साइबरसिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए निर्धारित किया गया है.

साइबरसिक्योरिटी ऑफिस चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर (CAO) जो कि अंतर्गत कार्यरत है, ने इस बाक की चेतावनी दी है कि व्हाट्सएप यूज़र डेटा की सुरक्षा पर बिल्कुल ध्यान नही देता जिससे इसमें बहुत सी सुरक्षा खामियां हैं. इसी कारण इसे “उच्च जोखिम वाला ऐप” के रूप में माना जाता है।

Read more: Karnarnataka :  मुस्लिम परिवार की कार रोककर मारपीट! पूर्व भाजपा सांसद के खिलाफ एफआईआर दर्ज

CAO के निर्देशानुसार…

CAO के निर्देशानुसार व्हाट्सएप को मोबाइल के साथ-साथ और वेब ब्राउज़र्स से भी पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया जाएगा.ये बात भी सामने आ रही है कि जिन डिवाइज में भी व्हाट्सएप होगा उसे उसके संपर्क से हटा दिया जाएगा।

बताते चलें कि, इसके ऑप्शन में कर्मचारियों को सिग्नल, माइक्रोसॉफ्ट टीम्स, विकर, एप्पल का iMessage और फेसटाइम जैसे सिक्योर ऐप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्हें ये भी कहा गया है कि वो अंजान नंबरों से आने वाले मैसेज से बचकर रहें।

पैरेंट कंपनी Meta ने किया विरोध…

हालांकि, WhatsApp की पैरेंट कंपनी Meta ने इस निर्णय का कड़ा विरोध किया है। Meta के प्रवक्ता एंडी स्टोन ने कहा कि WhatsApp में डिफॉल्ट रूप से एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन होता है, जिसकी वजह से केवल मैसेज भेजने और प्राप्त करने वाले ही उन्हें पढ़ सकते हैं — यहां तक कि WhatsApp भी नहीं।

उन्होंने यह भी कहा कि CAO द्वारा अनुमोदित जिन ऐप्स को सूची में शामिल किया गया है, उनमें से अधिकांश में यह सुरक्षा सुविधा मौजूद नहीं है। Meta को उम्मीद है कि भविष्य में अमेरिकी संसद के सदस्य एक बार फिर WhatsApp का उपयोग कर सकेंगे, जैसा कि वर्तमान में अमेरिकी सीनेट में हो रहा है।

Read more: Axiom-4 Mission: 25 जून को अंतरिक्ष स्टेशन रवाना होंगे शुभांशु शुक्ला; NASA ने किया ऐलान, जानिए कितने दिनों की होगी यात्रा?

ईरान ने व्हाट्सएप हटाने का दिया आदेश…

विचारणीय बात ये है कि, जनवरी में यह सामने आया था कि इज़राइली स्पायवेयर कंपनी पैरागॉन सॉल्यूशंस ने व्हाट्सएप के ज़रिए पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया। इससे ऐप की सुरक्षा पर पहले से उठ रहे सवाल और गहरे हो गए। हाल ही में ईरान ने भी अपने नागरिकों को व्हाट्सएप डिलीट करने की सलाह दी, क्योंकि संवेदनशील जानकारी के लीक होने का खतरा बताया गया। मेटा ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है। अब अमेरिका और ईरान दोनों ने व्हाट्सएप की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए सख्त कदम उठाए हैं।

Share This Article

अपना शहर चुनें

Exit mobile version