Kanya Puja 2025: नवरात्रि नवमी 2025 का दिन देवी दुर्गा के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा के लिए समर्पित होता है। इस दिन विशेष रूप से कन्या पूजन (Kanya Puja) का विधान होता है, जिसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ और फलदायक माना गया है। भक्त इस दिन 2 से 10 वर्ष की कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर विधिपूर्वक पूजते हैं, भोजन कराते हैं और उपहार देकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। आइए जानते हैं इस शुभ दिन से जुड़ी पूजा विधि, मुहूर्त, सामग्री और महत्व।
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कन्या पूजन का महत्व

हिंदू शास्त्रों के अनुसार, नव दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के बाद कन्या पूजन करने से नवरात्रि का व्रत पूर्ण माना जाता है। कन्याएं दुर्गा के विभिन्न रूपों का प्रतीक मानी जाती हैं और उन्हें प्रसन्न करने से घर में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही एक बालक (बटुक भैरव) को भोजन कराने का भी विशेष महत्व है।
कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त
तारीख: 1 अक्टूबर 2025
समय: कन्या पूजन का कोई विशेष मुहूर्त नहीं होता, लेकिन इसे मां दुर्गा की पूजा व हवन के पश्चात करना शुभ माना जाता है।
नवमी तिथि: आप अष्टमी या नवमी, दोनों ही तिथियों पर कन्या पूजन कर सकते हैं।
पूजन की विधि
कन्याओं को आमंत्रित करें – 2 से 10 वर्ष तक की कन्याओं को घर बुलाएं। साथ ही एक बालक (बटुक भैरव) को भी आमंत्रित करें।
पूजन स्थल की शुद्धि करें – जहां पूजन करना है उस स्थान की सफाई करें और वहां आसन बिछाएं।
मां दुर्गा की पूजा करें – पहले मां दुर्गा की विधिवत पूजा और हवन करें।
कन्याओं का स्वागत करें – उनके पैर धोएं और साफ कपड़े से पोंछें।
तिलक और कलावा – कन्याओं के माथे पर रोली-अक्षत से तिलक लगाएं और हाथ में कलावा बांधें।
आरती उतारें – कन्याओं की आरती करें और उन्हें मां का स्वरूप मानकर सम्मान दें।
भोजन कराएं – उन्हें हलवा, पूरी, काले चने का भोग अर्पित करें।
उपहार दें – भोजन के बाद उन्हें उपहार, कपड़े, फल या दक्षिणा दें।
आशीर्वाद लें – अंत में उनके पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करें और देवी के जयकारे लगाएं।
पूजन सामग्री लिस्ट
साफ जल (पैर धोने के लिए)
आसन (कन्याओं को बैठाने के लिए)
रोली, अक्षत (तिलक के लिए)
कलावा, फूल, चुनरी
हलवा, पूरी, चना (भोजन हेतु)
फल, मिठाई और उपहार
साफ तौलिया या कपड़ा (पैर पोंछने के लिए)

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।
