IMF loan process:हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) फिर से चर्चा में है, खासकर पाकिस्तान को दिए गए 1 अरब डॉलर के कर्ज को लेकर। जहां एक ओर पाकिस्तान की डांवाडोल आर्थिक स्थिति पर आईएमएफ को आशंका है कि उसका पैसा डूब सकता है, वहीं दूसरी ओर कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर खुद IMF के पास इतनी बड़ी राशि आती कहां से है? कैसे वह दुनियाभर के देशों को कर्ज दे पाता है? इस लेख में हम इन्हीं सवालों का विस्तार से जवाब देंगे।
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आईएमएफ के पास पैसा कहां से आता है?
आईएमएफ कोई आम वित्तीय संस्था नहीं है। इसके 191 सदस्य देश हैं और हर सदस्य देश की आर्थिक हैसियत के अनुसार वह IMF को एक तय राशि देता है, जिसे कोटा (Quota) कहते हैं। यही कोटा आईएमएफ की फंडिंग का सबसे बड़ा स्त्रोत होता है।
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आय के स्रोत

- सदस्य देशों का योगदान (Quota Subscriptions)
- कर्ज पर ब्याज और फीस
- बांड और निवेश से प्राप्त लाभ
- जरूरत पड़ने पर सदस्य देशों से अतिरिक्त संसाधन जुटाना
- आईएमएफ दुनिया के उन देशों से भी फंड ले सकता है जो आर्थिक रूप से मज़बूत हैं, और फिर इस पैसे को ज़रूरतमंद देशों को उधार देता है। इसके लिए कई अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों का सहारा लिया जाता है।
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किस देश पर है IMF का सबसे अधिक कर्ज?
अक्सर यह माना जाता है कि पाकिस्तान ही IMF का सबसे बड़ा कर्जदार है, लेकिन वास्तविकता इससे अलग है। IMF के आंकड़ों के अनुसार, अर्जेंटीना इस समय सबसे ज्यादा कर्ज लेने वाला देश है। इसके बाद मिस्र, यूक्रेन और पाकिस्तान जैसे देश आते हैं।
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कुछ प्रमुख देश जिन पर है IMF का कर्ज
- अर्जेंटीना
- मिस्र
- यूक्रेन
- पाकिस्तान
- इक्वाडोर
IMF किसी देश को कर्ज कैसे देता है?

IMF कर्ज देने से पहले संबंधित देश की आर्थिक स्थिति का गहराई से आकलन करता है। इसके बाद ही ऋण की मंजूरी दी जाती है। आमतौर पर IMF अपनी ऋण योजनाओं के साथ कड़ी शर्तें भी जोड़ता है जैसे कि टैक्स सुधार, सब्सिडी कटौती, घाटा कम करना, और मौद्रिक नीति में पारदर्शिता।
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कर्ज देने की प्रक्रिया
- देश द्वारा कर्ज की औपचारिक मांग
- आर्थिक डेटा का विश्लेषण
- शर्तों पर सहमति
- कर्ज की किस्तों में आपूर्ति
- हर किस्त से पहले समीक्षा
- पाकिस्तान को दिए गए लोन के मामले में IMF ने अब 11 नई शर्तें जोड़ दी हैं, जिनके पूरा होने पर ही अगली किस्त जारी की जाएगी।

