Vaibhav Suryavanshi: वैभव सूर्यवंशी, जिनके नाम अंडर-19 और आईपीएल में सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड दर्ज है, का हालिया प्रदर्शन चर्चा का विषय बन गया है। ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर मल्टी डे मैच में भी वे सबसे तेज शतक जड़ चुके हैं। लेकिन हाल के तीन मैचों में उनका बल्ला पूरी तरह खामोश रहा है। इन मैचों में उन्होंने महज 10.75 की औसत से सिर्फ 43 रन ही बनाए हैं। यह आंकड़े न केवल उनके खेल की छवि से मेल नहीं खाते, बल्कि उनके आत्मविश्वास और निरंतरता पर भी सवाल खड़े करते हैं।
दूसरे मैचों में गिरता प्रदर्शन, आंकड़े हुए गवाह
बताते चले कि, वैभव सूर्यवंशी ने भारत के लिए अब तक कुल छह अंडर-19 रेड बॉल मुकाबले खेले हैं। इन छह में से तीन सीरीज के पहले और बाकी तीन सीरीज के दूसरे मैच थे। आंकड़े बताते हैं कि सीरीज के पहले मैचों में उनका औसत 57.60 का रहा है, जिसमें दो शानदार शतक के साथ 288 रन बनाए गए। वहीं दूसरी ओर, सीरीज के दूसरे मैचों में उनका औसत गिरकर सिर्फ 10.75 रह गया है और वे तीन मैचों में कुल 43 रन ही बना सके हैं। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि शायद सूर्यवंशी दूसरे मुकाबलों में दबाव को झेल नहीं पा रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी दिखी यही कहानी
ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 टीम के खिलाफ वैभव सूर्यवंशी ने चार मल्टी डे मैच खेले हैं। इनमें से दो पहले और दो दूसरे मैच थे। पहले मैचों में उनका प्रदर्शन शानदार रहा. जहां उन्होंने 72.66 की औसत से कुल 218 रन बनाए। वहीं दूसरे मैचों में उनका औसत सिर्फ 11.50 रह गया और उन्होंने महज 23 रन जोड़े। ये आंकड़े साफ तौर पर उनके प्रदर्शन में आ रहे अंतर को उजागर करते हैं।
पहले मैच में शतक, दूसरे में निराशा
ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा दौरे पर खेले गए पहले मल्टी डे मैच में वैभव सूर्यवंशी ने अपने रेड बॉल करियर की अब तक की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली, जिसमें उन्होंने 113 रन बनाए। लेकिन जैसे ही सीरीज का दूसरा मैच आया, उनका बल्ला खामोश हो गया और वे सिर्फ 20 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या अगली पारी में वैभव खुद को साबित कर पाएंगे और आंकड़ों के इस सिलसिले को तोड़ पाएंगे या नहीं।
वैभव सूर्यवंशी में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन उनके आंकड़े यह बताते हैं कि उन्हें लगातार प्रदर्शन करने की चुनौती से जूझना पड़ रहा है। खासकर जब बात सीरीज के दूसरे मैच की आती है, तो उनका फॉर्म डगमगा जाता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या यह सिर्फ एक संयोग है या फिर मानसिक और तकनीकी रूप से उन्हें और मजबूती की जरूरत है? आगामी मुकाबलों में उनकी अगली पारी यह तय करेगी कि वे इस आलोचना को पीछे छोड़कर फिर से लय में लौट पाएंगे या नहीं।

