RSS 100th Anniversary: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शताब्दी पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने संघ से कुछ कड़े सवाल उठाए हैं। उन्होंने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि 100 सालों में संघ का एक भी प्रमुख दलित, पिछड़ा या आदिवासी क्यों नहीं बना। संजय सिंह ने यह भी पूछा कि क्या संघ के नेताओं ने जिन्ना की मुस्लिम लीग के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारियों की मुखबिरी क्यों की, संघ के लोगों को अंग्रेजों की सेना में भर्ती क्यों कराया गया और तिरंगे झंडे का विरोध क्यों किया गया।
कांग्रेस सांसद ने संघ पर साधा निशाना
बताते चले कि, कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने भी आरएसएस की शताब्दी पर सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए संघ पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि अब दिल्ली के स्कूलों में आरएसएस को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाकर पढ़ाया जाएगा, इसके बाद क्या नाथूराम गोडसे को ‘देशभक्त’ के रूप में पढ़ाया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि संघ का कोई स्वतंत्र इतिहास नहीं है और 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में संघ शामिल नहीं था, लेकिन गांधी की हत्या के समय संघ मौजूद था।
So now Delhi schools will teach RSS as part of the curriculum? 🤔
What’s next — lessons on Nathuram Godse as a “patriot”?
RSS wants to rewrite history because it has none.
– Absent in the 1942 Quit India movement.
– Absent in the struggle against the British.
– But present when…
— Manickam Tagore .B🇮🇳மாணிக்கம் தாகூர்.ப (@manickamtagore) October 1, 2025
इतिहास और शिक्षा पर उठाए सवाल
मणिकम टैगोर ने आगे लिखा कि अगर बच्चों को संघ की ‘स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका’ पढ़ाई गई, तो उसमें जानबूझकर महत्वपूर्ण तथ्य छोड़े गए होंगे। उनका कहना है कि कक्षाएं विज्ञान, ज्ञान और संवैधानिक मूल्यों के लिए होती हैं, शाखा-शैली में ब्रेनवॉश के लिए नहीं। उन्होंने जोर देकर कहा कि आरएसएस को तिरंगे का विरोध, स्वतंत्रता संग्राम में भाग न लेना और गांधी हत्या के बाद बैन लगाए जाने जैसे सवालों का जवाब देना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने जारी किया एक डाक टिकट
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरएसएस की 100वीं वर्षगांठ पर एक डाक टिकट जारी किया। उन्होंने कहा कि यह हमारी पीढ़ी के लिए सौभाग्य की बात है कि हम संघ के शताब्दी वर्ष का अनुभव कर रहे हैं। मोदी ने संघ के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि संघ के स्वयंसेवक समाज को सशक्त बनाने और देश की सेवा में निरंतर जुटे रहे हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि स्वतंत्रता के बाद संघ पर कई हमले और साजिशें हुईं, लेकिन संघ का उद्देश्य हमेशा ‘राष्ट्र प्रथम’ रहा।
