Dussehra 2025: दशहरे पर क्यों होती है शमी पूजा? जानें मुहूर्त विधि और जरूरी बातें

Nivedita Kasaudhan
Vijayadashami
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Dussehra 2025: दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। राम द्वारा रावण का वध और देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर के संहार के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला यह पर्व कई धार्मिक परंपराओं से जुड़ा हुआ है। इन्हीं में से एक है — शमी वृक्ष की पूजा।

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शमी वृक्ष पूजन का महत्व

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शास्त्रों में शमी वृक्ष को अत्यंत पूजनीय माना गया है। यह वृक्ष भगवान शिव का प्रतीक है और इसे अग्नि तत्व का स्वरूप भी कहा गया है। ऐसी मान्यता है कि शमी वृक्ष की पूजा करने से शनि दोष दूर होता है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

महाभारत काल में पांडवों ने अपने अज्ञातवास के समय अपने शस्त्र शमी वृक्ष में छुपाए थे और विजयादशमी के दिन ही उन्हें निकालकर युद्ध में प्रयोग किया था। यही वजह है कि दशहरे के दिन इसकी पूजा की परंपरा आज भी जीवित है।

शमी पूजन का शुभ मुहूर्त

सुबह 10:47 से दोपहर 12:16 तक

दोपहर 11:52 से 12:39 तक (अभिजीत मुहूर्त)

दोपहर 12:16 से 01:44 तक

दोपहर 01:44 से 03:12 तक

दोपहर 02:09 से 02:56 तक (विजय मुहूर्त)

इन समयों में शमी वृक्ष की पूजा करना विशेष रूप से शुभ और फलदायी माना गया है।

शमी वृक्ष पूजा की विधि

लाल वस्त्र धारण करें, क्योंकि इसे शक्ति और विजय का प्रतीक माना जाता है। पूजा स्थल को स्वच्छ करें और शमी वृक्ष के नीचे खड़े होकर पूजा प्रारंभ करें। वृक्ष पर कुमकुम से तिलक करें, फिर चावल अर्पित करें। लाल फूलों की माला चढ़ाएं और जड़ में जल अर्पित करें। शुद्ध घी का दीपक लगाएं और मौली (कलावा) बांधें। इसके बाद निम्न मंत्र का जाप करें।

मंत्र:

“अमंगलानां च शमनीं शमनीं दुष्कृतस्य च।
दु:स्वप्रनाशिनीं धन्यां प्रपद्येहं शमीं शुभाम्॥”

अंत में वृक्ष की 7 परिक्रमा करें और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने की प्रार्थना करें।

शमी पूजन से लाभ

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शनि ग्रह के कुप्रभाव से मुक्ति

शस्त्र या रक्षा से जुड़े व्यवसायियों के लिए शुभ

जीवन में स्थिरता, विजय और उन्नति

मानसिक शांति और परिवारिक समृद्धि

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

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