Late Night Study करना खासकर तब जब पेपर के दिन नज़दीक आ रहे हो, लेकिन क्या आपको पता है की इससे आपके स्वास्थ्य पर कितना बुरा प्रभाव पद सकता है और साथ ही इसके दुष्प्रभाव भी कितने हो सकते है? अब आप सोच रहे होंगे की अगर आपको अच्छे नंबर लाने है तो पढ़ना तो पड़ेगा ही लेकिन अगर आप यही चीज बैलेंस करके करे तो बस आज हम आपको यही बताएंगे कि.. आपको Late Night Study करने से कितने फायदे और नुकसान होते है…..

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चाय-कॉफी का सेवन है कितना सही?
Late Night Study करने का छात्राओं के अंदर एक कीड़ा हो गया है। उन्हें लगता हैं कि, अगर वे रात में नहीं पड़ेगे तो पास नहीं होंगे जिसके लिए वे चाय, कॉफी जैसे कैफीनयुक्त पेय पदार्थों का सेवन करते हैं, जो उन्हें जागते रहने और ध्यान केंद्रित करने में मदद करते हैं। हालांकि, यह आदत शॉर्ट-टर्म में फायदेमंद लग सकती है, लेकिन दीर्घकालिक रूप से यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए कई समस्याएँ उत्पन्न कर सकती है।
नींद की कमी होना
अगर आपकी भी देर रात तक पढ़ाई करने से नींद पूरी नहीं होती, तो यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। क्योकि एक शोध में पता चला है कि, शरीर और मस्तिष्क को ठीक से काम करने के लिए पर्याप्त नींद की आवश्यकता होती है। इसलिए नींद की कमी से आपको कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
ताजगी की कमी: सुबह उठकर आपको थका हुआ महसूस हो सकता है, जिससे पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है।
मेमोरी पर असर: नींद के दौरान मस्तिष्क में यादें स्टोर होती हैं, इसलिए नींद न लेने से याददाश्त कमजोर हो सकती है।

मानसिक तनाव और चिंता का शिकार
जब आप Late Night Study करते हैं, तो यह आपके मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है। मानसिक तनाव बढ़ सकता है, जिससे चिंता और घबराहट होती है। इससे शरीर में कॉर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) का स्तर बढ़ता है, जो आपकी मानसिक स्थिति को और बिगाड़ सकता है।
शारीरिक स्वास्थ्य पर इसका सीधा असर
आंखों की समस्या: देर रात तक पढ़ाई करने से आंखों में तनाव और थकावट बढ़ सकती है, जिससे आंखों में जलन, सिरदर्द और दृष्टि में कमी हो सकती है।
पाचन समस्याएं: देर रात तक पढ़ाई करने से नींद की कमी होती है, जो पाचन तंत्र पर भी असर डालती है और पेट की समस्याएं पैदा कर सकती हैं।
वजन में बदलाव: लगातार देर रात तक जागने से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जिससे वजन बढ़ सकता है।
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आम हो गई दिल से जुड़ी समस्याएं

नींद की कमी और मानसिक तनाव के कारण हृदय की गति बढ़ जाती है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। ब्लड प्रेशर भी अनियमित हो सकता है, जो दिल के लिए खतरे की घंटी है।
दिन के सामान्य कार्यों में कमी आना
जब आप Late Night Study करते हैं, तो आपकी प्रोडक्टिविटी में गिरावट आ सकती है। आप दिनभर आलसी और थके हुए महसूस कर सकते हैं, जिससे कार्यों को प्रभावी तरीके से करने में कठिनाई हो सकती है।
बार बार मूड स्विंग्स होना
Late Night Study से आपको आपके मूड में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। आपको जल्दी गुस्सा, चिड़चिड़ापन, और उदासी महसूस हो सकती है।
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अवसाद और मानसिक विकार

नींद की गड़बड़ी और लगातार तनाव में रहने से अवसाद (डिप्रेशन) और मानसिक विकारों का खतरा बढ़ सकता है।
कैसे करें इसका समाधान?
समय का प्रबंधन: अपने समय को सही तरीके से प्रबंधित करें ताकि आप रात में पढ़ाई न करें और दिन में ही पर्याप्त समय निकाल सकें।
सही नींद: दिन में 7-8 घंटे की नींद लेना जरूरी है।
वियामन शेड्यूल: सही शारीरिक गतिविधि और मानसिक विश्राम से पढ़ाई को बेहतर तरीके से किया जा सकता है।

