Hamas Israel War : इजरायल के गुस्से के कारण गाज़ा मौत की घाटी बन गया है। देश-विदेश में भारी दबाव के बावजूद, अड़े नेतन्याहू ने गाज़ा पर कब्जा करने का आदेश दिया है। ऐसे में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इज़राइल रक्षा बलों के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल इके जमीर को हमास के साथ समझौते का प्रस्ताव दिया है। उनका अनुरोध है कि हमास के साथ कैदियों की अदला-बदली के समझौते को स्वीकार किया जाए।
क्या बंधकों के लिए बातचीत का रास्ता खुलेगा?
हाल ही में हाइफा नौसैनिक अड्डे का दौरा करते हुए इजरायली सेना प्रमुख ने कहा”नेतन्याहू के पास कैदियों की अदला-बदली के समझौते को अंतिम रूप देने का एक अवसर है। हमें लगता है कि हमें इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। सेना के लिए यह विशेष अवसर इस समझौते को अंतिम रूप देने के लिए बनाया गया है। हालांकि इस मामले पर अंतिम निर्णय निश्चित रूप से प्रधानमंत्री द्वारा लिया जाएगा।” जमीर ने यह भी कहा “देश की जनता की इच्छा को महत्व दिया जाना चाहिए। वे चाहते हैं कि कैदियों की अदला-बदली का एक समझौता हो। जिससे 50 बंधकों की घर वापसी और इस युद्ध का अंत संभव हो सके।”
नेतन्याहू के खिलाफ जनआक्रोश
गौरतलब है कि तीन साल से भी ज़्यादा समय से चल रहे युद्ध में इजरायल ने एक बड़े झटके की तैयारी शुरू कर दी है। इस बीच नेतन्याहू की सेना की गोलीबारी में हुई मौतों के अलावा गाजा में भीषण अकाल पड़ा है। वहां अब तक 60,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। कई यूरोपीय देशों के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र भी इज़राइल की इस घोर अमानवीयता से नाराज है। इतना ही नहीं नेतन्याहू अपने देश में भी काफी दबाव में हैं।
शनिवार को तेल अवीव के होस्टेज स्क्वायर से नेतन्याहू के ख़िलाफ़ एक विरोध मार्च निकला। इस मार्च में शामिल होने के लिए राजधानी के साथ-साथ इजरायल के विभिन्न हिस्सों से हजारों लोग आए थे। उन्होंने शिकायत की “प्रधानमंत्री नेतन्याहू बातचीत और समझौतों की बात तो कर रहे हैं लेकिन उनके व्यवहार से साफ जाहिर है कि वे बंधकों की बलि चढ़ाना चाहते हैं। प्रधानमंत्री को इस बात की कोई परवाह नहीं है कि बंधक जिंदा रहें या मरें।” इस गंभीर स्थिति के बीच इजरायली सेना प्रमुख का यह बयान आया है।
50 बंधक, 20 की ही बची उम्मीद
इस बीच एक रिपोर्ट के अनुसार कम से कम 50 इजरायली इस समय हमास द्वारा बंदी बनाए गए हैं। इनमें से केवल 20 के ही जीवित होने की संभावना है। दूसरी ओर, इज़राइल ने 10,800 फ़िलिस्तीनियों को बंदी बना रखा है। इस बंदी विनिमय के लिए इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर दबाव धीरे-धीरे बढ़ रहा है।
