Bihar Elections: विधानसभा चुनाव लड़ेंगी मैथिली ठाकुर? बीजेपी नेताओं से मुलाकात के बाद सियासी अटकलें तेज

Aanchal Singh
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Bihar Elections: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर लोगों का इंतजार अब खत्म होने वाला है. चुनाव आयोग आज चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है. चुनाव आयोग ने इसको लेकर आज शाम 4 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है लेकिन उससे पहले लोकगायिका मैथिली ठाकुर के राजनीति में शामिल होने को लेकर चर्चा जोरों पर है.

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मैथिली ठाकुर के राजनीति में कदम रखने की अटकलें

राज्य की सियासत में इस समय एक तस्वीर आग की तरह तेजी से फैल रही है. यह तस्वीर कोई और नहीं बल्कि केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े से मुलाकात की है. बिहार की चर्चित लोकगायिका मैथिली ठाकुर के राजनीति में कदम रखने की अटकलें जोर पकड़ रही हैं. इस दौरान उनके पिता भी साथ मौजूद थे. सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीरों के बाद से ही यह सवाल उठने लगा है कि क्या मैथिली ठाकुर 2025 का विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही हैं?

बीजेपी नेता का पोस्ट बना चर्चा का कारण

बीते रविवार, 5 अक्टूबर 2025 को विनोद तावड़े ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल से कुछ तस्वीरें साझा कीं, जिनमें वे मैथिली ठाकुर और नित्यानंद राय के साथ नजर आ रहे हैं. पोस्ट में उन्होंने लिखा,”1995 में लालू राज के दौरान जो परिवार बिहार छोड़कर चले गए थे, उनमें से एक परिवार की बेटी मैथिली ठाकुर अब बदलते बिहार की रफ्तार देखकर वापस आना चाहती हैं. हमने उनसे आग्रह किया कि वे बिहार के विकास और जनता के लिए योगदान दें.”

मैथिली ठाकुर ने भी मुलाकात की पुष्टि की

मैथिली ठाकुर ने भी अपने सोशल मीडिया पोस्ट में इस मुलाकात की पुष्टि करते हुए लिखा,”जो लोग बिहार के लिए बड़े सपने देखते हैं, उनके साथ हर बातचीत मुझे दूरदृष्टि और सेवा की शक्ति की याद दिलाती है. मैं नित्यानंद राय जी और विनोद श्रीधर तावड़े जी की आभारी हूं।”इस पोस्ट ने उनके राजनीति में कदम रखने की अटकलों को और भी बल दे दिया है।

मधुबनी की बेटी और बिहार की ‘स्टेट आइकॉन’

मैथिली ठाकुर मूल रूप से बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी क्षेत्र की रहने वाली हैं. वे इस साल जुलाई में 25 वर्ष की हुई हैं. उन्हें चुनाव आयोग द्वारा बिहार का ‘स्टेट आइकॉन’ भी नियुक्त किया गया था. इससे पहले उन्हें 2021 में संगीत नाटक अकादमी द्वारा लोक संगीत में योगदान के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

शास्त्रीय संगीत से लेकर यूट्यूब तक की पहचान

मैथिली ठाकुर ने अपने दादा और पिता से हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत, हारमोनियम और तबला की शिक्षा ली है। उन्होंने अपने भाइयों के साथ मिलकर मैथिली, भोजपुरी और हिंदी भाषाओं में पारंपरिक लोकगीतों को लोकप्रिय बनाया है. वे ‘इंडियन आइडल’ और ‘सा रे गा मा पा’ जैसे रिएलिटी शोज़ में भाग ले चुकी हैं। उनका यूट्यूब चैनल लाखों लोगों तक उनकी संगीत यात्रा पहुंचा रहा है.

राजनीति में आने के संकेत या जनसेवा का इरादा?

भले ही अभी तक मैथिली ठाकुर ने स्पष्ट रूप से चुनाव लड़ने की घोषणा नहीं की है, लेकिन भाजपा नेताओं से मुलाकात और उनके सोशल मीडिया पोस्ट से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि वे जनसेवा की दिशा में कदम बढ़ा सकती हैं। उनकी लोकप्रियता, खासकर युवाओं और ग्रामीण क्षेत्रों में, उन्हें एक मजबूत राजनीतिक चेहरा बना सकती है.

भाजपा नेताओं से मैथिली ठाकुर की हालिया मुलाकात ने बिहार की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वे सचमुच चुनावी मैदान में उतरती हैं या यह मुलाकात सिर्फ सांस्कृतिक योगदान के संदर्भ में थी। फिलहाल, बिहार की राजनीति में एक नई संभावित हस्ती को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है.

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