Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनावों के बीच एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में सवाल उठ रहा है कि अगर NDA को सत्ता मिलती है तो क्या नीतीश कुमार ही बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे? JDU के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा से बिहार की राजनीति में एक मजबूत व्यक्तित्व रहे हैं। लेकिन इस बार सीट बंटवारे को लेकर उनकी नाराजगी और एलान के बाद यह सवाल और भी ज्यादा गरम हो गया है। इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर खुलकर अपनी बात कही है, जिसने राजनीतिक दलों और मतदाताओं के बीच चर्चाओं को हवा दे दी है।
अमित शाह के बयान का सार
अमित शाह ने एक अखिल भारतीय मीडिया से बातचीत में कहा, “मैं अकेले यह फैसला नहीं कर सकता कि नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री होंगे या नहीं। फिलहाल हम उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव के बाद सभी गठबंधन पार्टनर मिलकर इस बात पर निर्णय लेंगे कि कौन उनके नेता होगा।”उन्होंने आगे कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद भी जब NDA सरकार बनी थी, तो नीतीश कुमार ने बीजेपी को मुख्यमंत्री पद देने की इच्छा जताई थी क्योंकि उस चुनाव में बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटें मिली थीं। शाह ने नीतीश कुमार की इस समझदारी और गठबंधन के प्रति सम्मान की तारीफ की और कहा कि वे वरिष्ठ नेता होने के नाते सम्मान के पात्र हैं।
सीट बंटवारे को लेकर जेडीयू-बीजेपी के बीच टकराव
बिहार में NDA के अंदर सीट बंटवारे को लेकर पहले से ही खींचतान देखी जा रही है। जेडीयू ने बीजेपी से कम से कम एक सीट ज्यादा मांग की थी, लेकिन अंतिम सूची में दोनों दलों को बराबर 101-101 सीटें मिली हैं। इसके अलावा लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) को 29 सीटें, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 6-6 सीटें मिली हैं।नीतीश कुमार के समर्थक इसे उनकी भूमिका और प्रभाव के लिए एक चुनौती मान रहे हैं, वहीं विपक्ष और राजनीतिक विश्लेषक इस स्थिति को लेकर बहस कर रहे हैं कि क्या नीतीश फिर से मुख्यमंत्री के रूप में सामने आएंगे या बीजेपी इस बार मुख्यमंत्री चेहरा पेश कर सकती है।
आगे की राजनीति पर असर
अमित शाह के बयान ने इस सवाल को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है कि NDA के नेतृत्व का फैसला चुनाव के बाद होगा। शाह ने यह साफ किया कि फिलहाल चुनाव लड़ाई नीतीश कुमार के नेतृत्व में हो रही है, लेकिन अंतिम निर्णय गठबंधन की सहमति से ही लिया जाएगा। यह बयान राजनीतिक गलियारों में यह कयास लगने को मजबूर कर रहा है कि सीट बंटवारे और पार्टी हितों को देखते हुए मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नए चेहरे भी उभर सकते हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही मुख्यमंत्री पद को लेकर सियासी तकराव बढ़ता जा रहा है। अमित शाह के बयान ने इस सवाल को और गहराई दी है कि चुनाव जीतने के बाद भी मुख्यमंत्री का फैसला किसी एक पार्टी का निर्णय नहीं होगा, बल्कि गठबंधन के सभी सदस्यों की सहमति से होगा। चुनाव परिणाम आने के बाद ही बिहार के मुख्यमंत्री की गद्दी किसके नाम होगी, यह स्पष्ट होगा।
Read More : Bihar Election 2025: खेसारी लाल यादव की राजनीति में एंट्री, छपरा से आरजेडी के टिकट पर लड़ेंगे चुनाव

