Wipro bonus shares:मंगलवार के कारोबार में प्रमुख आईटी कंपनी विप्रो का शेयर 300 रुपये से भी नीचे आ गया और 291.90 रुपये के स्तर पर कारोबार करते हुए दिखा। इस गिरावट का प्रमुख कारण कंपनी द्वारा घोषित बोनस शेयर इश्यू है। दरअसल, विप्रो ने हाल ही में निवेशकों के लिए 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर जारी करने का ऐलान किया था, जिसकी एक्स-डेट (जिस दिन बोनस शेयर जारी होते हैं) मंगलवार है।

बोनस शेयर इश्यू के दौरान जब कोई कंपनी बोनस शेयर जारी करती है, तो कंपनी के शेयर की मार्केट वैल्यू उसी अनुपात में घट जाती है। इसे स्टॉक स्प्लिट जैसा ही समझा जा सकता है। इसका मतलब यह है कि निवेशकों को अधिक शेयर तो मिलते हैं, लेकिन उन्हें तुरंत कोई वित्तीय लाभ नहीं होता। इसी कारण से विप्रो के शेयर में 50% तक की गिरावट देखने को मिली है।
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बोनस शेयर इश्यू का प्रभाव और शेयर की कीमतों पर असर
बोनस शेयर इश्यू का प्रभाव उस दिन दिखाई देता है जब शेयर एक्स-बोनस होते हैं, यानी जब बोनस शेयर के बदले निवेशकों को अतिरिक्त शेयर मिलते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान कंपनी की कुल मार्केट वैल्यू में कोई परिवर्तन नहीं होता, लेकिन शेयर की कीमत गिरकर नए अनुपात पर सेट हो जाती है। इसी तरह, विप्रो के शेयर की कीमत 50% तक गिरकर 291.90 रुपये तक पहुंच गई है,

क्योंकि कंपनी ने 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर इश्यू का ऐलान किया है। इसलिए, जब कोई कंपनी बोनस शेयर जारी करती है, तो इसका सीधा असर शेयर की कीमत पर पड़ता है, हालांकि निवेशकों को अतिरिक्त शेयर तो मिलते हैं, लेकिन इससे तत्काल लाभ नहीं होता।
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विप्रो के बोनस इश्यू का इतिहास

आईटी दिग्गज विप्रो ने पिछले 15 वर्षों में कई बार बोनस इश्यू घोषित किए हैं। 2019 में विप्रो ने 1:3 के अनुपात में बोनस शेयर जारी किए थे और स्टॉक 6 मार्च 2019 को एक्स-बोनस हो गया था। इससे पहले, 2017 में कंपनी ने 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर इश्यू किया था, जबकि 2010 में उसने 2:3 के अनुपात में बोनस शेयर जारी किए थे। 2004 और 2005 में भी विप्रो ने 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर दिए थे। इसके अतिरिक्त, 1997 में विप्रो ने 2:1 के अनुपात में बोनस इश्यू की घोषणा की थी, और 1995 तथा 1992 में उसने 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर जारी किए थे। पिछले साल, विप्रो ने शेयर बायबैक भी किया था, जो निवेशकों के लिए एक और बड़ा कदम था।