Women Freedom Fighters of India: भारत आज 78वें Independence Day 2025 के जश्न में डूबा हुआ है। हर नागरिक देशभक्ति की भावना में सराबोर है और उन शहीदों के बलिदान को याद कर रहा है जिन्होंने स्वतंत्रता की राह में अपने प्राणों की आहुति दी। आजादी की लड़ाई में केवल पुरुषों ने ही नहीं, बल्कि महिलाओं ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रानी लक्ष्मीबाई से लेकर उषा मेहता तक, इन वीरांगनाओं ने निडरता और साहस की मिसाल कायम की। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख महिला स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में।
रानी लक्ष्मीबाई

रानी लक्ष्मीबाई 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख योद्धा थीं। ‘लैप्स नीति’ के तहत झांसी उनसे छीन ली गई थी, लेकिन उन्होंने अंग्रेजों का डटकर सामना किया। ग्वालियर की लड़ाई में उन्होंने वीरगति प्राप्त की। उनकी बहादुरी और देशभक्ति आज भी हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
बेगम हजरत महल
अवध की रानी बेगम हजरत महल ने भी 1857 के विद्रोह में अंग्रेजों पर प्रहार किया। अपने बेटे बिरजिस कद्र को गद्दी पर बिठाकर उन्होंने लखनऊ से बाहर अंग्रेजों को खदेड़ने में अहम भूमिका निभाई। उनका साहस और नेतृत्व आज भी वीरांगनाओं के प्रेरणास्त्रोत के रूप में याद किया जाता है।
भीकाजी कामा
भीकाजी कामा वह महिला थीं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की आजादी की आवाज उठाई। 1907 में उन्होंने पेरिस में भारतीय स्वतंत्रता का पहला तिरंगा लहराया। लेकिन उन्होंने क्रांतिकारी हमले नहीं किए, मगर स्वतंत्रता सेनानियों को सांकेतिक सहयोग दिया और भारत के संघर्ष को विश्व पटल पर पहुँचाया।
दुर्गावती देवी
दुर्गावती देवी, जिन्हें दुर्गा भाभी के नाम से जाना जाता है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की सशस्त्र क्रांतिकारी थीं। उन्होंने भगत सिंह के साथ मिलकर ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ कई अभियानों में भाग लिया। उनका साहस और निडरता आज भी क्रांतिकारी महिलाओं के लिए आदर्श है।
सरोजिनी नायडू
सरोजिनी नायडू न केवल एक प्रसिद्ध कवयित्री थीं, बल्कि कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष भी बनीं। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय योगदान दिया और महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। उनकी वक्तृत्व कला और नेतृत्व कौशल आज भी प्रेरक हैं।
अरुणा आसफ अली
अरुणा आसफ अली ने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान तिरंगा फहराकर अंग्रेजों को चुनौती दी। उन्हें उनके साहस और देशभक्ति के लिए बाद में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
कस्तूरबा गांधी
कस्तूरबा गांधी महात्मा गांधी की पत्नी होने के साथ-साथ स्वतंत्रता संग्राम की एक साहसी सेनानी थीं। उन्होंने सत्याग्रह आंदोलनों में सक्रिय भाग लिया और महिलाओं को आजादी की लड़ाई में जोड़ा। अंग्रेजों के अत्याचारों के खिलाफ आवाज़ उठाने के कारण उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा।


