Shardiya Navratri 2025 Day 6: नवरात्रि के छठे दिन करें मां कात्यायनी की पूजा, जानें मुहूर्त और व्रत कथा

Nivedita Kasaudhan
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Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि के छठे दिन की पूजा देवी दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी को समर्पित होती है। यह दिन साधकों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है, खासतौर पर उन लोगों के लिए जो शीघ्र विवाह की कामना रखते हैं। मां कात्यायनी की उपासना से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है और मनोवांछित जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।

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मां कात्यायनी का स्वरूप

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मां कात्यायनी को शक्ति और विजय की देवी माना जाता है। उन्हें महिषासुरमर्दिनी भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने महिषासुर नामक दैत्य का वध कर धरती को उसके अत्याचारों से मुक्त किया था। उनका स्वरूप अत्यंत तेजस्वी, उग्र और दानवों के विनाश हेतु समर्पित है। देवी सिंह पर सवार होती हैं और चार भुजाओं में अस्त्र-शस्त्र धारण करती हैं।

पौराणिक कथा

मान्यता है कि महर्षि कात्यायन, जो मां आदिशक्ति के परम भक्त थे, उन्होंने कठोर तप कर देवी से पुत्री रूप में अवतार लेने की प्रार्थना की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर देवी ने उन्हें वचन दिया कि वे उनके घर जन्म लेंगी।

उसी समय, जब महिषासुर का आतंक पृथ्वी पर बढ़ गया, तब ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने अपने तेज से एक देवी की उत्पत्ति की। यह देवी महर्षि कात्यायन के घर प्रकट हुईं और उन्हें ही कात्यायनी कहा गया। तीन दिनों तक महर्षि के आश्रम में पूजन के बाद, देवी कात्यायनी ने महिषासुर से युद्ध किया और दशमी तिथि को उसका वध कर धर्म की रक्षा की।

गोपियों ने की थी देवी की पूजा

ब्रज की गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण को अपना पति बनाने के उद्देश्य से कालिंदी तट पर मां कात्यायनी की कठोर आराधना की थी। इस परंपरा के कारण आज भी माना जाता है कि मां कात्यायनी की पूजा से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं और वैवाहिक जीवन में सुख और संतुलन आता है।

मां कात्यायनी पूजन विधि

मां की पूजा गोधूलि वेला (संध्या समय) में करना अत्यंत शुभ माना गया है। इस समय उन्हें पीले या नारंगी वस्त्र, फल, फूल और मिठाइयों के साथ पूजा अर्पित करें। कथा पढ़ने के बाद मां की आरती करें और व्रत संकल्प लें।

पूजन मंत्र

कात्यायनि महामाये, महायोगिन्यधीश्वरि।
नन्दगोपसुतं देवि, पतिं मे कुरु ते नमः।।

शुभ मुहूर्त

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अभिजीत मुहूर्त प्रात: 11 बजकर 48 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। अमृत काल मुहूर्त सायं 6 बजकर 5 मिनट से सांय 7 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

 

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