Deepotsav 2025 Ayodhya: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कारसेवकपुरम, अयोध्या में आयोजित दीपोत्सव मिलन समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत, वैश्विक पहचान और सामाजिक एकता की आवश्यकता पर बल देते हुए कई महत्वपूर्ण बातें कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि, “पिछले नौ वर्षों में दीपोत्सव ने न केवल अयोध्या को एक नई वैश्विक पहचान दी है, बल्कि इस आयोजन ने भारत की आध्यात्मिक परंपराओं को पुनः स्थापित करने का कार्य किया है। अयोध्या वह नगरी है जहां से जो दीप प्रज्वलित होता है, वह पूरे विश्व को आलोकित करने की क्षमता रखता है।”
योगी आदित्यनाथ ने भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण का उल्लेख करते हुए कहा कि श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन से लेकर आज तक की यात्रा में अनेक बलिदानों और संघर्षों की गाथा जुड़ी है। रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अब यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी बन गई है कि हम समाज के हर वर्ग को एकजुट करें और विघटनकारी तत्वों से सावधान रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमें उत्साह और उमंग के साथ काम करना चाहिए, लेकिन सावधानी और सतर्कता के साथ भी। समाज और राष्ट्र के लिए विघटनकारी और विनाशकारी शक्तियों से हमें होशियार रहना होगा। यह समय है कि हम अपने कर्तव्यों को समझें और अयोध्या के आध्यात्मिक संदेश को विश्वभर में फैलाएं।”
अयोध्या में दीपोत्सव की बढ़ती भव्यता
योगी ने इस बात पर गर्व जताया कि दीपोत्सव अब केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि एक वैश्विक आकर्षण बन चुका है। हर वर्ष यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु, पर्यटक और रामभक्त पहुंचते हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है। उन्होंने कहा, “दीपोत्सव ने न केवल अयोध्या, बल्कि पूरे देश को सांस्कृतिक एकता और आध्यात्मिक चेतना के सूत्र में पिरोने का कार्य किया है।”
समाज में एकता और जागरूकता की जरूरत
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे दीपोत्सव जैसे आयोजनों को केवल उत्सव के रूप में न लें, बल्कि इसे सामाजिक एकता और सांस्कृतिक जागरूकता का माध्यम बनाएं। उन्होंने कहा कि राम राज्य की परिकल्पना को साकार करने के लिए हर नागरिक को अपना योगदान देना होगा।
योगी आदित्यनाथ का संबोधन न केवल अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत का स्मरण था, बल्कि एक राष्ट्रीय आह्वान भी था जहां हर नागरिक से यह अपेक्षा की गई कि वह समाज को जोड़ने और विघटनकारी ताकतों को रोकने में अपनी भूमिका निभाए। दीपोत्सव अब केवल अयोध्या का नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र का गौरव बन चुका है।
