Yogi Cabinet Announcement: उत्तर प्रदेश सरकार ने लाखों आउटसोर्स कर्मचारियों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। लखनऊ में हुई कैबिनेट बैठक में “यूपी आउटसोर्सिंग सेवा निगम” के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इस निगम के माध्यम से राज्य में जेम पोर्टल के जरिए सेवा प्रदाता एजेंसियों की नियुक्ति होगी। इन कर्मचारियों का वेतनमान ₹16,000 से ₹20,000 तक तय किया गया है। खास बात यह है कि सैलरी सीधे कर्मचारियों के बैंक खातों में भेजी जाएगी, जिससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी।
सैलरी की तय समयसीमा और आरक्षण का प्रावधान
कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने बैठक के बाद जानकारी दी कि अब आउटसोर्स कर्मियों को हर महीने की 1 से 5 तारीख के बीच वेतन मिल जाएगा। इसके साथ ही आउटसोर्स भर्ती प्रक्रिया में भी आरक्षण लागू किया जाएगा। इसमें एससी, एसटी, महिलाओं और दिव्यांगों के लिए आरक्षित सीटों का प्रावधान किया गया है। साथ ही निगम के अंतर्गत काम करने वाले कर्मचारियों को हर महीने 26 दिन की सेवा देनी होगी। नए निगम के तहत भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और व्यवस्थित होगी। सुरेश खन्ना ने बताया कि चयन में लिखित परीक्षा के साथ मौखिक साक्षात्कार की भी व्यवस्था होगी। इससे योग्य उम्मीदवारों का निष्पक्ष तरीके से चयन संभव हो सकेगा। साथ ही तीन साल की अवधि के लिए सेवा एजेंसियों की नियुक्ति की जाएगी।
लखनऊ-कानपुर के लिए 200 नई ई-बसें खरीदने का फैसला
बैठक में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए भी बड़ा फैसला लिया गया। योगी सरकार ने लखनऊ और कानपुर के लिए 100-100 नई ई-बसें खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इससे इन दोनों महानगरों में परिवहन सेवाओं में सुधार होगा और प्रदूषण नियंत्रण में भी मदद मिलेगी। कैबिनेट बैठक में यूपी की नई निर्यात नीति को भी मंजूरी दी गई है। यह नीति पांच वर्षों के लिए लागू होगी और इसमें अमेरिकी टैरिफ वॉर को देखते हुए राज्य के निर्यातकों को विशेष छूटें दी जाएंगी। इससे व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
पैतृक संपत्ति की रजिस्ट्री
सरकार ने पैतृक संपत्ति की रजिस्ट्री को लेकर भी एक अहम फैसला किया है। अब पैतृक संपत्ति की रजिस्ट्री सिर्फ ₹5000 के शुल्क पर की जा सकेगी, जिससे आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और रजिस्ट्री प्रक्रिया आसान होगी। बैठक में उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स नीति को भी स्वीकृति दी गई, जिसका उद्देश्य राज्य को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित करना है। इसके अलावा, संभल जिले से जुड़ी न्यायिक रिपोर्ट भी कैबिनेट में पेश की गई, जिसे संज्ञान में लेकर संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश दिए गए। योगी सरकार की यह कैबिनेट बैठक आउटसोर्स कर्मचारियों, युवाओं, व्यापारियों, और शहरी निवासियों के लिए कई अहम फैसलों के साथ बेहद महत्वपूर्ण रही। इन कदमों से राज्य में रोजगार, पारदर्शिता, परिवहन और उद्योग क्षेत्र को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
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