Yogini Ekadashi 2025: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है। लेकिन एकादशी व्रत को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार पड़ती हैं। ऐसे साल में कुल 24 एकादशी व्रत किए जाते हैं जो कि भगवान विष्णु को समर्पित होते हैं।
इस दिन भक्त भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करते हैं और दिनभर उपवास आदि भी रखते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से श्री हरि की असीम कृपा बरसती है और कष्टों का निवारण हो जाता है। पंचांग के अनुसार अभी आषाढ़ का महीना चल रहा है और इस माह के कृष्ण पक्ष को पड़ने वाली एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है, तो हम आपको योगिनी एकादशी की सही तारीख और अन्य जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
योगिनी एकादशी की तारीख

हिंदू पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि का आरंभ 21 जून दिन शनिवार को सुबह 7 बजकर 18 मिनट पर हो रहा हैं। वही इस तिथि का समापन 22 जून को सुबह 4 बजकर 27 मिनट पर हो जाएगा। योगिनी एकादशी का व्रत 21 जून को रखा जाएगा। वहीं एकादशी व्रत का पारण 22 जून दिन रविवार को करना उत्तम रहेगा।
एकादशी व्रत का पारण
योगिनी एकादशी के व्रत को रखने के साथ साथ एकादशी व्रत का सही समय और सही नियम से पारण करना बेहद जरूरी माना जाता है। योगिनी एकादशी व्रत का पारण 22 जून को दोपहर 1 बजकर 28 मिनट से लेकर 4 बजकर 3 मिनट तक कर सकते हैं। वहीं हरि वासन समाप्त होने का समय सुबह 9 बजकर 41 मिनट है।
पूजा की विधि
एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर पूजा स्थल की साफ सफाई करें। फिर एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करें प्रभु के समक्ष घी का दीपक और धूप जलाएं। इसके बाद भगवान को पुष्प अर्पित कर भोग लगाएं साथ ही योगिनी एकादशी व्रत कथा का पाठ करें। अंत में उनकी आरती कर भूल चूक के लिए क्षमा जरूर मांग लें।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है।प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।