नशा के गिरफ्त में युवा वर्ग, जमींदोज हो रही है जिन्दगी…

Laxmi Mishra

सहरसा संवाददाता- शिव कुमार

बिहार: बेपटरी हो रहें युवाओं को अगर ससमय नहीं रोका गया तो घर-परिवार,समाज और देश के लिए नहीं दे पायेंगे अपना योगदान…. घर परिवार, समाज और देश को आगें ले जाने की जिम्मेदारी युवाओं की होती है। अगर युवा पीढ़ी ही बेपटरी होने लगे तो बेहतर तस्वीर का कयास लगाना बेईमानी होगा। हर कोई अपने में मस्त है। अधिकांश परिजनों की बात करें तो सभी अपने दिन चर्या को इतना व्यस्त कर चुके है की बच्चा कहाँ जा रहा है कब वापस घर आ रहा है ?

उसका संगत किसके किसके साथ है? क्या खाता है क्या पीता है? लेकिन आज के समय में अधिकांश परिजन को इस बात से कोई मतलब नहीं है। वर्त्तमान परिवेश में घर में जितने लोग उतने के हाथों में मोबाईल फोन है। सभी थोड़ा भी समय मिलने के बाद मोबाईल पर व्यस्त हो जाते है। घर परिवार और समाज में किसी को किसी की फिक्र नहीं रही। खैर वापस विषय पर लौटता हूँ। नशा इंसान के सेहत को ऐसे बर्बाद करता है जैसे मानों किसी लकड़ी में दीमक का लग जाना।

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ऊपर वाले ने हम सभी को इंसान बनाया है जरूरत है सरजमीं पर इंसानी फर्ज को निभाया जाये।लेकिन आज के अधिकांश युवा नशा के गिरफ्त में आ गये है कई तरह के नशीले दवा कफ सिरप, टेबलेट या अन्य नशीली पदार्थ का सेवन युवा वर्ग धड़ल्ले से कर रहे है। सवाल तो लाजमी है की आखिर इन्हें रोकेगा कौन ? क्या इसी तरह समाज के युवा नशा के गिरफ्त में रहकर अपना भविष्य बर्बाद करेगा ?

युवा पीढ़ी का भविष्य जा रहा दलदल में…

ये गलती हमारी उन युवा पीढ़ी की आपकी जिला प्रशासन या फिर सरकार की है जो युवा पीढ़ी का भविष्य दलदल में जा रहा है ? इस तस्वीर में दिख रहा है नशीला कफ सिरप सहरसा के एक महाविद्यालय जाने वाली सड़क की है।जहाँ दर्जनों से अधिक बोतल इस्तेमाल के बाद फेंकी हुई है।आप को हजारों जगह ऐसी तस्वीर देखने को मिल जायेगी।जब हमने समाज के कई लोगों का राय जानने की कोशिश की तो लोगों का कहना था की इस विषय में युवा वर्ग के साथ साथ सरकार भी उतना ही दोषी है।

क्योंकि जब तक फैक्ट्री में इस तरह की दवा बनेगी तब तक हालात कमोबेश यही रहेगा। क्या सिर्फ सरकार को दोषी ठहरा कर हम चैन की नींद सो पायेंगे नहीं कभी नहीं सो पायेंगे क्योंकि नशे के गिरफ्त में आ रहे युवा वर्ग हमारे-आपके घर और इसी समाज का बेटा-भाई है। सोचना और पहल करना भी पड़ेगा।एक बात तो खुलेसफे में कहा जा सकता है की किसी तरह के सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए समाज के सभी लोगों जागरूक होने के साथ–साथ इस मुहिम का हिस्सा बनना पड़ेगा।

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