Zelensky Strong Message: रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आगामी मुलाकात से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने दो टूक शब्दों में चेतावनी दी है। ज़ेलेंस्की ने स्पष्ट किया कि अगर शांति वार्ता में यूक्रेन को शामिल नहीं किया गया, तो ऐसा कोई भी समझौता “अवैध, अप्रभावी और मरा हुआ” माना जाएगा।
ट्रंप-पुतिन मुलाकात की पृष्ठभूमि
15 अगस्त को अलास्का में ट्रंप और पुतिन के बीच बहुप्रतीक्षित शिखर सम्मेलन होने वाला है। इस बैठक को यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के संभावित प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, ज़ेलेंस्की की सख्त प्रतिक्रिया ने यह साफ कर दिया है कि बिना यूक्रेन की भागीदारी के कोई भी प्रस्ताव स्वीकार्य नहीं होगा।
ज़ेलेंस्की का तीखा बयान
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने शनिवार, 9 अगस्त 2025 को टेलीग्राम पर जारी बयान में कहा:“ऐसा कोई भी समाधान जिसमें यूक्रेन शामिल न हो, वह एक मरा हुआ समाधान होगा, जो कभी काम नहीं करेगा।” उन्होंने आगे कहा कि यूक्रेन की संवैधानिक अखंडता और उसकी भूमि पर संप्रभुता का सम्मान किया जाना चाहिए। ज़ेलेंस्की ने दोहराया कि यूक्रेन के नागरिक किसी भी स्थिति में अपनी ज़मीन को कब्जा करने वालों को नहीं सौंपेंगे।
“यूक्रेन तैयार है, लेकिन समझौते का स्वरूप सही हो”
राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने यह भी संकेत दिया कि यूक्रेन शांति का पक्षधर है और वह ऐसे किसी भी निर्णय को समर्थन देगा, जो व्यावहारिक और न्यायसंगत हो। उन्होंने कहा: “हम ऐसे वास्तविक निर्णयों के लिए तैयार हैं जो शांति ला सकते हैं। लेकिन हमारी गैर-मौजूदगी में, हमारे खिलाफ लिया गया कोई भी फैसला अव्यावहारिक और निष्प्रभावी होगा।”
पुतिन पर भी सीधा हमला
ज़ेलेंस्की ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर भी सीधा हमला करते हुए कहा कि: “पुतिन ने यूक्रेन की जनता पर भरोसा नहीं किया, और यही उनकी सबसे बड़ी गलती थी।” उन्होंने दोहराया कि यूक्रेन किसी भी आक्रामकता के बदले इनाम नहीं देगा और यह कि एक इज्जतदार शांति की आवश्यकता है, जिसका सभी पक्ष सम्मान करें।
यूक्रेन के बिना किसी भी संभावित अमेरिका-रूस शांति समझौते को लेकर ज़ेलेंस्की की यह स्पष्ट चेतावनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहस छेड़ सकती है। इससे यह संकेत भी मिलता है कि यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने का कोई भी प्रयास यूक्रेन की भागीदारी और सहमति के बिना संभव नहीं होगा। अब सबकी नजरें 15 अगस्त को अलास्का में होने वाली ट्रंप-पुतिन मुलाकात पर टिकी हैं।
