ज़ोमैटो (zomato), भारत की प्रमुख खाद्य वितरण और रेस्तरां सेवा मंच, ने हाल ही में अपने वित्तीय वर्ष 2024 के तीसरी तिमाही (Q3) के परिणामों की घोषणा की। कंपनी के परिणामों ने निवेशकों और बाजार विश्लेषकों के बीच कुछ चिंताओं को जन्म दिया है, क्योंकि इस तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ आधे से अधिक घटकर महत्वपूर्ण स्तर तक पहुंच गया है। इसके साथ ही, ज़ोमैटो की एक सहायक कंपनी, ब्लिंकिट, जो किराने का सामान ऑनलाइन बेचती है, अभी भी घाटे में है।
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ज़ोमैटो का शुद्ध लाभ आधे से अधिक घटा
ज़ोमैटो (zomato) ने Q3 के दौरान ₹2,422 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग 30% अधिक था। हालांकि, कंपनी का शुद्ध लाभ ₹66 करोड़ से घटकर ₹30 करोड़ तक पहुँच गया, जो साल दर साल लगभग 55% की गिरावट को दर्शाता है। इस गिरावट का मुख्य कारण बढ़ती लागत, विशेषकर लॉजिस्टिक खर्च और विपणन (मार्केटिंग) खर्च में वृद्धि को बताया जा रहा है।
कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि, यह गिरावट मुख्यत परिचालन लागत में वृद्धि के कारण आई है, जबकि कंपनी के राजस्व में लगातार वृद्धि हो रही है। ज़ोमैटो ने अपने ग्राहकों को बढ़ाने के लिए कई प्रचारात्मक गतिविधियाँ शुरू की थीं, जिनकी वजह से विपणन खर्च में इजाफा हुआ। इसके अलावा, कच्चे माल और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि ने कंपनी के लागत संरचना को प्रभावित किया है।
ब्लिंकिट की स्थिति

ब्लिंकिट (Blinkit), जो ज़ोमैटो द्वारा अधिग्रहित की गई एक डिलीवरी सेवा है, अभी भी घाटे में है। ब्लिंकिट की संचालन में लागत और निवेश की उच्च दरों के बावजूद कंपनी उम्मीद कर रही है कि आने वाले महीनों में यह घाटा कम हो सकता है। ब्लिंकिट के प्रमुख खर्चों में वितरण लागत और स्टॉक प्रबंधन शामिल हैं, जिनका असर सीधे कंपनी के लाभ पर पड़ता है। ब्लिंकिट ने भी अपने व्यापार मॉडल को स्केल करने और मुनाफे की ओर बढ़ने के लिए नए प्रयास शुरू किए हैं, लेकिन फिलहाल इसका रास्ता मुश्किल और चुनौतीपूर्ण प्रतीत हो रहा है।
कंपनी के अनुसार, ब्लिंकिट (Blinkit) ने तिमाही में काफी वृद्धि की है, लेकिन यह पूरी तरह से घाटे में रहकर अपने व्यवसाय को स्थिरता की ओर नहीं बढ़ा पा रहा है। (zomato) के सीईओ, दीपेंद्र गोयल ने इस मुद्दे पर कहा कि कंपनी ब्लिंकिट के कारोबार को लाभप्रद बनाने के लिए काम कर रही है, लेकिन इसमें कुछ समय लग सकता है।
ज़ोमैटो की रणनीति और भविष्य की दिशा
ज़ोमैटो (zomato) ने Q3 के परिणामों में उल्लेख किया कि वह अपनी दीर्घकालिक वृद्धि की दिशा में काम कर रहा है। कंपनी का मुख्य ध्यान अब अपने मुख्य खाद्य वितरण व्यवसाय को और बेहतर बनाना है, जबकि ब्लिंकिट के लिए उसकी रणनीति दीर्घकालिक लाभप्रदता पर आधारित है। ज़ोमैटो का मानना है कि उसकी प्रौद्योगिकी, वितरण नेटवर्क और उपयोगकर्ता अनुभव में सुधार उसे भविष्य में मुनाफा देने में मदद करेगा।
कंपनी ने रखे कुछ खास पहलु

टेक्नोलॉजी में निवेश: ज़ोमैटो ,(zomato) ने अपनी तकनीकी क्षमताओं में निवेश करना जारी रखा है, ताकि वह अपने ग्राहकों को बेहतर सेवा प्रदान कर सके। इससे कंपनी को न केवल अपनी कार्यकुशलता बढ़ाने में मदद मिल रही है, बल्कि ग्राहक संतुष्टि भी बढ़ रही है।
विपणन और ब्रांडिंग: कंपनी ने विपणन रणनीतियों को फिर से तैयार किया है, ताकि वह अपने ब्रांड को अधिक से अधिक उपभोक्ताओं तक पहुंचा सके और उन्हें आकर्षित कर सके। हालांकि इसके लिए विपणन खर्च बढ़ा है, लेकिन ज़ोमैटो को उम्मीद है कि यह दीर्घकालिक फायदे की ओर बढ़ेगा।
लॉजिस्टिक्स में सुधार: ज़ोमैटो ने अपनी आपूर्ति श्रृंखला को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए लॉजिस्टिक्स नेटवर्क में सुधार की दिशा में कदम उठाए हैं। इससे न केवल संचालन लागत कम होगी, बल्कि वितरण की गति भी बढ़ेगी, जो ग्राहकों को अधिक संतुष्टि प्रदान करेगा।
ब्लिंकिट (Blinkit) के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण: ब्लिंकिट के घाटे को देखते हुए, ज़ोमैटो ने इस सेवा को लाभप्रद बनाने के लिए समय लिया है। कंपनी का मानना है कि किराना डिलीवरी सेवाएं भारत में एक बड़ा बाजार हैं, और यदि इसे सही तरीके से प्रबंधित किया गया तो यह बहुत बड़ा मुनाफा दे सकता है।
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निवेशकों के लिए क्या है संदेश?
ज़ोमैटो (zomato), के तिमाही परिणामों को लेकर निवेशकों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं हैं। कंपनी के बढ़ते राजस्व और ग्राहक आधार ने कुछ निवेशकों को उत्साहित किया है, जबकि घटते शुद्ध लाभ और ब्लिंकिट के घाटे ने चिंता का कारण भी बना है। हालांकि, ज़ोमैटो के सीईओ और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने इस स्थिति को अस्थायी बताया है और उनका मानना है कि कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति सही दिशा में है।कंपनी के भविष्य को लेकर सकारात्मक संकेत यह हैं कि ज़ोमैटो का मुख्य खाद्य वितरण व्यवसाय मजबूत है और कंपनी ने इसके लिए नए प्रौद्योगिकी, लॉजिस्टिक्स और विपणन में निवेश किया है। साथ ही, ब्लिंकिट की स्थिति को लेकर भी उम्मीद जताई जा रही है कि वह आने वाले समय में लाभप्रद बन सकती है, लेकिन इसके लिए और समय और प्रयास की आवश्यकता होगी।