Zubeen Garg Murder Case: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को विधानसभा में यह बयान दिया कि प्रसिद्ध गायक जुबीन गर्ग की मौत किसी हादसे का परिणाम नहीं थी, बल्कि यह एक सुनियोजित हत्या थी। सरमा ने बताया कि यह हत्या गैर-इरादतन या आपराधिक साजिश नहीं थी, बल्कि यह पूरी तरह से मर्डर था। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि जुबीन की हत्या के मामले में एक आरोपी ने सीधे तौर पर उसे मार डाला, जबकि अन्य ने हत्या में मदद की।
Zubeen Garg Murder Case: विपक्षी पार्टियों का सत्र में मुद्दा उठाना
विपक्षी पार्टियों ने जुबीन गर्ग की संदिग्ध मौत पर चर्चा करने के लिए विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश किया था। इस पर मुख्यमंत्री सरमा ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन जवाब दिया और कहा कि राज्य पुलिस ने मामले की जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण तथ्यों का खुलासा किया है। उन्होंने यह भी बताया कि मामले की जांच CID के तहत गठित विशेष जांच दल (SIT) द्वारा की जा रही है।
Zubeen Garg Murder Case:SIT की जांच और गिरफ्तारियों का खुलासा
मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि अब तक SIT ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा, 252 गवाहों से पूछताछ की गई है और 29 महत्वपूर्ण सामान जब्त किए गए हैं। SIT ने अपने जांच के दौरान यह स्पष्ट किया कि गिरफ्तार आरोपियों में से 4-5 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में यह भी कहा कि यह मौत कोई साधारण दुर्घटना नहीं थी, बल्कि यह एक सुनियोजित मर्डर था।
जुबीन की मौत की तारीख और संदिग्ध परिस्थितियां
गायक जुबीन गर्ग की 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। वह नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल (NEIF) में हिस्सा लेने सिंगापुर गए थे, जहां उनकी मौत हुई। जुबीन की मौत के बाद असम में राज्यभर में 60 से अधिक मामलों को दर्ज किया गया था, जिसमें उनकी मौत के कारणों की जांच करने की मांग की जा रही थी।
गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी
पुलिस ने अब तक जुबीन गर्ग की मौत के मामले में कई प्रमुख व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इनमें NEIF इवेंट के आयोजक श्यामकानु महंत, जुबीन के चचेरे भाई और पुलिस अधिकारी संदीपन गर्ग, उनके मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, बैंड के दो सदस्य शेखर ज्योति गोस्वामी और अमृतप्रभा महंत शामिल हैं। इसके अलावा जुबीन के निजी सुरक्षा अधिकारी नंदेश्वर बोरा और प्रबीन बैश्य को भी गिरफ्तार किया गया है।
वित्तीय लेन-देन ने मामले को और संदिग्ध बनाया
जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि जुबीन के निजी सुरक्षा अधिकारियों के खातों में 1.1 करोड़ रुपये से अधिक का बड़ा वित्तीय लेन-देन हुआ था, जिससे मामले में और भी संदेह पैदा हुआ। इन सभी गिरफ्तार आरोपियों को फिलहाल न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने मामले में गहन जांच जारी रखी है और मामले के सभी पहलुओं को उजागर करने की कोशिश की जा रही है।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया और मामले की गंभीरता
जुबीन गर्ग की मौत के बाद असम में यह मामला बहुत चर्चा में रहा है, और राज्य के विभिन्न हिस्सों में लोग इस मामले की गंभीर जांच की मांग कर रहे हैं। पुलिस की जांच और गिरफ्तारियों से यह साफ हो गया है कि जुबीन की मौत किसी स्वाभाविक दुर्घटना का परिणाम नहीं थी, बल्कि यह एक हत्या थी, जिसमें कई लोग शामिल थे।
इस मामले में अब तक की कार्रवाई और गिरफ्तारियों से यह भी स्पष्ट हो रहा है कि जुबीन की मौत के पीछे एक बड़ा आपराधिक षड्यंत्र हो सकता है, जो जल्द ही और अधिक खुलासों का कारण बनेगा।
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