Bihar Elections 2025: बिहार की राजनीति में एक बार फिर से हलचल तेज हो गई है। जनशक्ति जनता दल (JJD) के संस्थापक और बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने अपनी पार्टी और नेतृत्व को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उनके पास गुरु, माता-पिता, और दादी का आशीर्वाद है, इसलिए किसी भी राजनीतिक चुनौती से डरने की जरूरत नहीं है। तेज प्रताप यादव ने अपने बयान में खासतौर पर महुआ विधानसभा क्षेत्र का जिक्र किया और संकेत दिए कि जनता का समर्थन भी उन्हें लगातार मिल रहा है।
तेज प्रताप यादव ने क्या कहा?
“हमारे माता-पिता और दादी सब हमारे साथ हैं। हमारी दादी सर्वोच्च हैं और हमारी गुरु भी… महुआ के लोग हमें बुला रहे हैं, हम वहाँ जा रहे हैं। जब हमारे पास हमारे गुरु, माता-पिता और दादी का आशीर्वाद होता है, तो आगे कोई चुनौती नहीं होती।”तेज प्रताप के इस बयान को राजनीतिक आत्मविश्वास के संकेत के रूप में देखा जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी शुरू हो चुकी है और राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं।
परिवार और विरासत की राजनीति
तेज प्रताप यादव राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के बेटे हैं। उनकी दादी स्वर्गीय मरहूम राबड़ी देवी की मां, जिन्हें वे ‘गुरु’ मानते हैं, उनके लिए हमेशा से प्रेरणास्रोत रही हैं। उनके इस बयान से यह साफ है कि वे अपनी राजनीति को पारिवारिक मूल्यों और आध्यात्मिक मार्गदर्शन के साथ जोड़ते हैं। तेज प्रताप अक्सर अपनी धार्मिक सोच, आध्यात्मिक गुरु और पारिवारिक परंपरा का उल्लेख करते रहते हैं, जो उन्हें दूसरे नेताओं से अलग बनाता है।
महुआ से फिर चुनावी मैदान में?
तेज प्रताप यादव ने महुआ के लोगों का आभार व्यक्त करते हुए यह भी कहा कि वे वहां से जनता के बुलावे पर फिर जाएंगे। यह संकेत है कि वे आगामी चुनाव में महुआ विधानसभा सीट से फिर से किस्मत आजमा सकते हैं। महुआ वही सीट है, जहां से तेज प्रताप ने 2015 में चुनाव जीतकर बिहार सरकार में मंत्री पद हासिल किया था। तेज प्रताप यादव की पार्टी जनशक्ति जनता दल (JJD) को लेकर अभी तक बड़ी राजनीतिक ताकत के रूप में पहचान नहीं बनी है, लेकिन उनके बयानों से स्पष्ट है कि वे स्वतंत्र राजनीतिक पहचान बनाने की दिशा में सक्रिय हैं।उनका बार-बार पारिवारिक समर्थन और आध्यात्मिक आशीर्वाद पर जोर देना बताता है कि वे भावनात्मक और सांस्कृतिक जुड़ाव के माध्यम से वोटरों को साधना चाहते हैं।
बिहार की राजनीति में तेज प्रताप यादव की भूमिका फिर से चर्चा में है। उनका यह बयान आगामी चुनाव में उनकी सक्रियता और महत्वाकांक्षा को दर्शाता है। अब देखना होगा कि क्या तेज प्रताप अपनी नई पार्टी के जरिए जनता का भरोसा जीत पाते हैं या यह सिर्फ एक भावनात्मक अपील बनकर रह जाएगी।
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