Dhirendra Shastri Statement: मध्य प्रदेश में शारदीय नवरात्रि के दौरान आयोजित होने वाली गरबा नाइट्स एक बार फिर विवादों में आ गई हैं। इस बार चर्चा का केंद्र बने हैं बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, जिन्होंने गरबा फेस्टिवल में गैर-हिंदुओं की एंट्री पर सवाल उठाते हुए आयोजकों से सख्त नियम लागू करने की मांग की है।
“हम हज में नहीं जाते, तो वो भी गरबा में न आएं”
बताते चले कि, छतरपुर जिले के लवकुशनगर में मां बम्बर बैनी के दर्शन करने पहुंचे बाबा बागेश्वर ने कहा, “हम मुस्लिमों की हज यात्रा में नहीं जाते, तो उन्हें भी मां दुर्गा की आराधना वाले गरबा फेस्टिवल में नहीं आना चाहिए।” उन्होंने आयोजकों से मांग की कि गरबा स्थल के प्रवेश द्वार पर गौमूत्र रखा जाए, जिससे ‘पवित्रता’ की जांच हो सके। इस बयान का वीडियो भी सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
गरबा में गैर-हिंदुओं की एंट्री को लेकर बढ़ता विवाद
भोपाल के बीजेपी सांसद आलोक शर्मा ने भी गरबा पंडालों में मुस्लिम युवकों की मौजूदगी को लेकर आपत्ति जताई है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ युवक हिंदू महिलाओं को आकर्षित करने के लिए तिलक लगाकर, कलावा बांधकर हिंदू होने का स्वांग रचते हैं और गरबा में घुस जाते हैं। उन्होंने इसे ‘लव जिहाद’ की साजिश बताया।
हिंदू संगठनों का भी विरोध
विश्व हिंदू परिषद समेत कई हिंदूवादी संगठनों ने भी गरबा कार्यक्रमों में गैर-हिंदुओं की भागीदारी का विरोध किया है। उनका कहना है कि यह सनातन धर्म की परंपराओं और श्रद्धा के साथ खिलवाड़ है। इन संगठनों का आरोप है कि गरबा कार्यक्रमों को टारगेट कर कुछ लोग ‘लव जिहाद’ को बढ़ावा दे रहे हैं।
बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी दी चेतावनी
बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि नवरात्रि और गरबा सनातन धर्म के प्रतीक हैं। अगर कोई गैर-हिंदू गरबा में शामिल होना चाहता है तो उसे पहले हिंदू धर्म अपनाना होगा। उन्होंने कहा, “माथे पर तिलक, कलावा और गंगाजल के साथ तुलसी पत्ता लेकर आना होगा। अगर कोई धोखे से घुसेगा तो उसे अंजाम भुगतना पड़ेगा।”
गरबा नाइट्स को लेकर शुरू हुआ यह विवाद अब धार्मिक और सियासी रंग ले चुका है। बाबा बागेश्वर के बयान के बाद इस मुद्दे पर बहस और तेज हो गई है। वहीं, राज्य में शांति और सौहार्द बनाए रखने की चुनौती भी प्रशासन के सामने खड़ी हो गई है।
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