India Pakistan Conflict: भारत ने पाकिस्तान के युद्ध भड़काने वाले बयानों को कड़ा नोटिस देते हुए सिंधु जल समझौते से जुड़े तथाकथित मध्यस्थता न्यायालय (Court of Arbitration) के फैसले को पूरी तरह खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान की बयानबाजी को उसकी पुरानी आदत करार देते हुए सख्त लहजे में चेतावनी दी कि युद्ध भड़काने वाले किसी भी दुस्साहस का नतीजा दर्दनाक होगा।
मध्यस्थता फैसला भारत ने ठुकराया
जयसवाल ने कहा कि भारत ने इस मध्यस्थता न्यायालय की वैधता या अधिकारिता को कभी स्वीकार नहीं किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस फैसले का कोई कानूनी आधार नहीं है और यह भारत के सिंधु जल उपयोग के अधिकारों पर कोई असर नहीं डालता। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने 27 जून 2025 को संप्रभु निर्णय के तहत सिंधु जल समझौते को सस्पेंड कर दिया था। यह निर्णय पाकिस्तान द्वारा सीमा-पार आतंकवाद, विशेषकर पहलगाम हमले के जवाब में लिया गया था।
पाकिस्तान के युद्ध भड़काने वाले बयानों पर भारत की सख्ती
जयसवाल ने कहा कि पाकिस्तान के नेतृत्व द्वारा भारत के खिलाफ बार-बार युद्ध भड़काने वाले बयान उनकी नाकामियों को छुपाने की पुरानी रणनीति है। उन्होंने कहा, “हम पाकिस्तान को स्पष्ट सलाह देते हैं कि वह अपनी बयानबाजी में संयम बरते। किसी भी तरह का दुस्साहस भारत के लिए भारी परिणाम लेकर आएगा।” विदेश मंत्रालय ने भारत और अमेरिका के बीच बढ़ती रणनीतिक और रक्षा साझेदारी पर भी प्रकाश डाला। जयसवाल ने कहा कि दोनों देशों के बीच साझा लोकतांत्रिक मूल्य और मजबूत जन-जन के रिश्तों पर आधारित व्यापक वैश्विक साझेदारी है। उन्होंने बताया कि अगस्त के मध्य में अमेरिकी रक्षा नीति टीम भारत दौरे पर आएगी और 21वां संयुक्त सैन्य अभ्यास अलास्का में इस महीने होगा। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच 2+2 इंटरसेशनल मीटिंग भी आयोजित होगी।
PM मोदी की UNGA यात्रा पर अभी कोई फैसला नहीं
विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी UNGA यात्रा को लेकर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। साथ ही मंत्रालय ने भारत के BRICS समूह में सक्रिय सदस्यता और वित्तीय मामलों में डी-डॉलराइजेशन पर अपने स्पष्ट रुख की जानकारी दी। जयसवाल ने यह भी बताया कि भारत और चीन उत्तराखंड के लिपुलेख, हिमाचल प्रदेश के शिपकी ला और सिक्किम के नाथु ला दर्रों के माध्यम से सीमा व्यापार को फिर से शुरू करने की बातचीत कर रहे हैं। यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को पुनः सुदृढ़ करने का प्रयास है।
भारत ने पाकिस्तान के युद्ध भड़काने वाले बयानों को कड़ा जवाब देते हुए सिंधु जल समझौते के मध्यस्थता फैसले को ठुकरा दिया है। वहीं, भारत-अमेरिका के बीच रक्षा और रणनीतिक साझेदारी के मजबूत होने से क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा पर सकारात्मक प्रभाव की उम्मीद है।
