Mahua Moitra : तृणमुल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने रविवार को एक बार फिर भाजपा पर जमकर हमला बोला । उन्होंने कहा कि “मूर्खों को मुहावरे समझ नहीं आते।” यह टिप्पणी उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अपनी विवादित बयानबाजी के बचाव में कही। महुआ ने स्पष्ट किया कि उनकी कही गई बात एक मुहावरा थी, जिसे पुलिस और भाजपा ने गलत तरीके से पेश किया है।
पुलिस ने दर्ज की FIR, आरोप गंभीर
रायपुर के माना कैंप पुलिस स्टेशन में महुआ मोइत्रा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 196 और 197 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। इन धाराओं के तहत धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी फैलाने और राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने यह कार्रवाई महुआ की कथित अपमानजनक टिप्पणी के बाद की है।
बांग्ला में कही गई टिप्पणी का अर्थ समझाने की कोशिश
महुआ मोइत्रा ने बांग्ला भाषा में कथित तौर पर कहा था कि भारत में बांग्लादेशी घुसपैठ रोकने में विफल रहने पर अमित शाह का सिर काट देना चाहिए। इस बयान पर विवाद होने के बाद, महुआ ने सफाई दी कि उनका यह कथन एक मुहावरा था। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है “आपको इतनी शर्म आती है कि आप अपना सिर खुद काट सकते हैं,” यानी जवाबदेही और जिम्मेदारी लेना।
Hello @RaipurPoliceCG this one’s for you. Be careful with filing fake cases. Courts see through them & then heads will roll. pic.twitter.com/ibLjPD5bGl
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) August 31, 2025
मुहावरे को गलत समझने वालों पर तंज
महुआ ने आगे कहा कि यह मुहावरा सिर्फ जवाबदेही लेने के लिए है और इसका शाब्दिक अर्थ नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने भाजपा और पुलिस पर आरोप लगाया कि वे उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “बेवकूफ़ मुहावरे नहीं समझते,” जो साफ जाहिर करता है कि भाजपा ने उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया है।
राजनीतिक माहौल में बढ़ी सियासी गरमाहट
महुआ मोइत्रा की यह टिप्पणी और उसके बाद की प्रतिक्रियाएं राजनीतिक माहौल को और गर्माती नजर आ रही हैं। भाजपा और टीएमसी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। इस विवाद ने चुनावी राजनीति को और तीखा कर दिया है। महुआ मोइत्रा का बयान और उस पर दर्ज प्राथमिकी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। उनकी ओर से मुहावरे के संदर्भ में सफाई के बावजूद मामला अदालत में पहुंच गया है और आगे इसका राजनीतिक असर भी देखने को मिल सकता है।
