West Bengal Politics: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री Mamata Bannerjee ने BJP पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि भाजपा राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने की साजिश रच रही है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए दूसरे राज्यों से 500 से अधिक टीमें बंगाल भेजी हैं। ममता ने कोलकाता में तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) के स्थापना दिवस पर कहा, “जब तक मैं जिंदा हूं, किसी को भी लोगों का मताधिकार छीनने नहीं दूंगी।”
लोग खुद जांचें अपनी वोटर लिस्ट में नाम
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से अपील की कि वे खुद जाकर सुनिश्चित करें कि उनका नाम वोटर लिस्ट में मौजूद है या नहीं। उन्होंने कहा कि भाजपा के इशारे पर राज्य में चलाए जा रहे कथित सर्वे का मकसद वोटरों को सूची से बाहर करना है। ममता ने कहा, “यह आपका अधिकार है। इसे कोई छीन नहीं सकता।”
चुनाव आयोग पर भी उठाए सवाल
ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर भी निशाना साधते हुए कहा कि आयोग राज्य सरकार के अधिकारियों को धमका रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग का अधिकार क्षेत्र केवल चुनावी अवधि तीन महीनों तक सीमित होता है, न कि पूरे साल भर के लिए। ममता ने चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह केंद्र के दबाव में काम कर रहा है।
भाषायी पहचान और राष्ट्रगान का मुद्दा उठाया
ममता बनर्जी ने भाजपा पर बंगालियों की सांस्कृतिक और भाषायी पहचान मिटाने का आरोप लगाया। उन्होंने सवाल किया, “अगर बंगाली भाषा नहीं होती, तो राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत किस भाषा में लिखे जाते?” ममता ने कहा कि भाजपा बंगालियों की स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका को भुलाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के पूर्वज अंग्रेजों के साथ मिलकर काम करते थे और जेल से बाहर आने के लिए माफीनामे लिखते थे।मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बंगाल में किसी तरह का भाषायी आतंक नहीं चलने दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “भाजपा चाहती है कि बंगाल की ऐतिहासिक पहचान मिट जाए, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। बंगाल की संस्कृति, भाषा और संघर्ष की विरासत को मिटाना आसान नहीं है।”
अभिषेक बनर्जी का भाजपा को चैलेंज
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “भाजपा लोकतांत्रिक तरीके से बंगाल नहीं जीत सकती, इसलिए वे मतदाता सूची में हेरफेर करने की साजिश रच रहे हैं।” उन्होंने दावा किया कि 2026 में टीएमसी को 2021 से भी बड़ा जनादेश मिलेगा। साथ ही भाजपा को चुनौती देते हुए कहा, “अगर उनमें दम है, तो 50 सीटें जीतकर दिखाएं।” अभिषेक ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा, कुछ न्यायिक वर्ग और केंद्रीय एजेंसियां टीएमसी के खिलाफ मिलकर काम कर रही हैं, लेकिन बंगाल की जनता पार्टी के साथ खड़ी है। राजनीतिक माहौल में गर्मी तेज हो गई है। टीएमसी नेतृत्व भाजपा पर मतदाता अधिकारों, भाषायी पहचान और लोकतंत्र पर हमले का आरोप लगा रहा है, वहीं आगामी 2026 विधानसभा चुनावों की रणनीतिक बिसात अभी से बिछने लगी है।
