UP Crime: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से पिता-पुत्र के पवित्र रिश्ते को कलंकित करने वाली एक अत्यंत दुखद और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। एक कलयुगी पिता ने केवल बीमा क्लेम की बड़ी राशि हड़पने के लालच में अपने ही 30 वर्षीय बेटे की निर्मम हत्या की साजिश रच डाली। इस जघन्य कृत्य ने इस पारंपरिक भावना को झकझोर कर रख दिया है कि पिता के कंधे पर बेटे का जनाजा सबसे बड़ा बोझ होता है। आरोपी पिता के लिए, 2 करोड़ 10 लाख रुपए की बीमा राशि मानवीय मूल्यों और खून के रिश्ते से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण साबित हुई। इस वारदात को अंजाम देने के लिए, पिता ने भाड़े के हत्यारों को साढ़े तीन लाख रुपए की सुपारी दी और हत्या के बाद शव को सड़क किनारे फेंककर इसे एक दुर्घटना का रूप देने की कोशिश की गई।
UP Crime: ₹2.10 करोड़ का एक्सीडेंटल बीमा बना हत्या का कारण
मृतक युवक की पहचान अनिकेत शर्मा (30) के रूप में हुई है। पुलिस जाँच में पता चला कि अनिकेत के नाम पर ₹2.10 करोड़ का एक्सीडेंटल बीमा था, जो उसके पिता बाबूराम शर्मा के लालच का मुख्य कारण बना। मुरादाबाद पुलिस ने इस ब्लाइंड मर्डर केस का खुलासा करते हुए मुख्य आरोपी पिता बाबूराम शर्मा सहित तीन सुपारी किलर — असलम उर्फ सुल्तान, तहब्बुर मैवाती और साजिद को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने यह भी बताया कि इस सनसनीखेज साजिश में अमरोहा के एक अधिवक्ता आदेश कुमार और उसके साथी विजयपाल सिंह की संलिप्तता भी सामने आई है, जो फिलहाल फरार हैं। पुलिस ने इन फरार आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार करने का दावा किया है।
UP Crime: दुर्घटना का ड्रामा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोला राज़
यह मामला 26 नवंबर को सामने आया, जब कुन्दरकी थाना क्षेत्र के मोहनपुर में सड़क किनारे अनिकेत का शव मिला था। शुरुआती जांच में पुलिस और स्थानीय लोग इसे एक साधारण सड़क दुर्घटना मान रहे थे। मृतक के पिता बाबूराम शर्मा लगातार पुलिस को गुमराह कर रहे थे और इसे एक हादसा बताकर गुपचुप तरीके से बीमा क्लेम की तैयारी में थे। हालांकि, पुलिस ने जब शव का पोस्टमार्टम कराया, तो सच्चाई सामने आ गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि अनिकेत की मौत दुर्घटना से नहीं हुई, बल्कि सिर में रॉड मारकर उसकी हत्या की गई थी। इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने अपनी जाँच की दिशा बदली और हत्या के एंगल से गहराई से छानबीन शुरू की।
पिता ने कबूला जघन्य अपराध
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मिली दिशा के बाद, पुलिस की गहन और सख्ती से की गई पूछताछ में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जाँच के दौरान पुलिस को पता चला कि बाबूराम लगातार ₹2.10 करोड़ के एक्सीडेंटल बीमा की जानकारी छिपा रहा था। जब पुलिस ने मजबूत साक्ष्यों के आधार पर दबाव बनाया, तो आरोपी पिता बाबूराम शर्मा आखिरकार टूट गया और उसने अपना जघन्य अपराध कबूल कर लिया। बाबूराम ने स्वीकार किया कि उसने बीमा क्लेम की राशि हड़पने के लिए ही भाड़े के हत्यारों को सुपारी देकर अपने बेटे की निर्मम हत्या करवाई। एसपी ग्रामीण ने पुष्टि करते हुए बताया कि कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य दो फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए व्यापक स्तर पर छापेमारी की जा रही है।
मानवीय मूल्यों के पतन का एक और दुखद आईना
मुरादाबाद की यह घटना समाज में बदलते मानवीय मूल्यों और रिश्तों के पतन का एक और दुखद उदाहरण है। यह पहला मौका नहीं है जब पैसों के लालच या सनक ने रिश्तों को तार-तार किया है। हाल ही में, पानीपत से भी एक ऐसा ही दिल दहला देने वाला मामला सामने आया था, जहाँ पूनम नामक महिला ने ‘खूबसूरत दिखने की सनक’ में आकर अपने बेटे सहित चार बच्चों की हत्या कर दी थी। ये दोनों ही मामले बताते हैं कि कैसे भौतिक लालच और व्यक्तिगत सनक के सामने खून के रिश्ते भी बेमानी हो जाते हैं, जो समाज में नैतिकता के गंभीर संकट को दर्शाते हैं।
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