Pune Land Scam: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक बार फिर उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार से जुड़े कथित लैंड डील विवाद पर प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री ने एफआईआर में पार्थ पवार का नाम शामिल न किए जाने को लेकर उठे सवालों पर कहा कि यह ‘फर्स्ट इनफॉर्मेशन रिपोर्ट’ (FIR) है, और इसमें केवल उन्हीं लोगों के नाम दर्ज किए जाते हैं, जिनके हस्ताक्षर संबंधित लेन-देन में शामिल होते हैं।
फडणवीस ने कहा, “मैंने पहले भी स्पष्ट किया है कि यह एक प्रारंभिक रिपोर्ट है। जिन लोगों ने दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर किए हैं, उन्हीं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। किसी को बचाने का कोई कारण नहीं है। अगर जांच में किसी की भूमिका सामने आती है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।”
अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक कंपनी के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता और सरकारी सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि जांच पूरी तरह पारदर्शी तरीके से चल रही है और किसी राजनीतिक दबाव में कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा।यह मामला पुणे के मुंधवा क्षेत्र में 40 एकड़ सरकारी भूमि की कथित अवैध बिक्री से जुड़ा है। इस जमीन की अनुमानित कीमत लगभग 1,800 करोड़ रुपये बताई जा रही है, जिसे कथित रूप से पार्थ पवार से जुड़ी कंपनी ने सिर्फ 300 करोड़ रुपये में खरीदा। विपक्षी दलों का आरोप है कि इस लेन-देन में स्टांप शुल्क भी नहीं दिया गया, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।
शरद पवार ने जांच की मांग की
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि चूंकि मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्वयं माना है कि मामला गंभीर है, इसलिए उन्हें निष्पक्ष जांच करवानी चाहिए और तथ्यों को जनता के सामने लाना चाहिए। उन्होंने कहा, “प्रशासन, राजनीति और परिवार अलग-अलग हैं। हमारा परिवार एकजुट है, लेकिन विचारधारा के स्तर पर अलग है। मेरे एक पोते ने अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ा था, और अजित पवार की पत्नी ने मेरी बेटी के खिलाफ।”
अजित पवार ने तोड़ी चुप्पी
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस लेन-देन में किसी भी प्रकार की संलिप्तता से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ महीने पहले इस सौदे के बारे में जानकारी मिली थी और उन्होंने तुरंत निर्देश दिया था कि किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।विपक्षी दलों ने इस विवाद को लेकर सरकार पर निशाना साधा है और आरोप लगाया कि “पार्थ पवार को बचाने के लिए” एफआईआर में उनका नाम शामिल नहीं किया गया। हालांकि फडणवीस ने साफ कहा कि कार्रवाई नियमों के तहत ही हो रही है और किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा।
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